यूपी में किसानों को बिना किसी शर्त के मुफ्त बिजली मिलेगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के पदाधिकारियों के साथ वार्ता में यह भरोसा दिलाया है। 140 यूनिट प्रति किलोवाट जैसी शर्त को जबरन किसानों पर थोपा नहीं जाएगा। इसके साथ ही पंजीकरण से भी राहत दी जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि शासन के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। किसानों को निजी नलकूपों के लिए दी जाने वाली मुफ्त बिजली शर्तों से मुक्त होगी। 140 यूनिट प्रति किलोवाट जैसी शर्त को जबरन किसानों पर थोपा नहीं जाएगा और उन्हें पंजीकरण से भी राहत देने का प्रयास किया जाएगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के पदाधिकारियों के साथ वार्ता के क्रम में यह भरोसा दिलाया है।
मुख्य सचिव ने रियल टाइम खतौनी बनाते समय अंश निर्धारण के नाम पर हुई लिपिकीय त्रुटियों को भी गांव स्तर पर कैंप लगाकर दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। इसके साथ ही शीतगृहों से आलू की निकासी जैसे आदेश को भी शिथिल करने का भरोसा दिलाया है।
किसानों का हित सर्वोपरि: मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने कहा कि शासन के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसान हितैषी कई निर्णय लिए गए हैं, भविष्य में भी उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा। इस मौके पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को किसानों की समस्याओं के समाधान के संबंध में जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में किसानों की 23 सूत्री मांगों पर विस्तृत चर्चा की गई।
किसान यूनियन ने निजी नलकूप की बिजली को पंजीकरण व अन्य शर्तों से मुक्त करने, आलू निकासी का आदेश बदलने, फसलों की मुआवजा राशि, चकबंदी अधिनियम में बदलाव किए जाने और गन्ना भुगतान समेत कई मांगों को रखा। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव बाल विकास वीना कुमारी मीना, चेयरमैन यूपीपीसीएल डा. आशीष कुमार गोयल, कृषि सचिव अनुराग यादव, राहत आयुक्त नवीन कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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