Move to Jagran APP

अब नहीं होना पड़ेगा परेशान, आसानी से मिल जाएगी अस्पतालों में उपलब्ध बेड की जानकारी; गेट पर ही खड़ी रहेगी टीम

लखनऊ के प्रमुख अस्पतालों जैसे एसजीपीजीआई केजीएमयू राम मनोहर लोहिया बलरामपुर सिविल और लोक बंधु में अब मरीजों के लिए बेड की उपलब्धता की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। साथ ही अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर एक टीम तैनात की जाएगी जो मरीजों की मदद करेगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर ये निर्देश दिए हैं।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sun, 20 Oct 2024 09:20 PM (IST)
Hero Image
प्रमुख अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की जानकारी होगी सार्वजनिक - प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। एसजीपीजीआइ, केजीएमयू, राम मनोहर लोहिया, बलरामपुर, सिविल और लोक बंधु जैसे प्रमुख अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए बेड की उपलब्धता की जानकारी अब सार्वजनिक की जाएगी। साथ ही अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर एक टीम तैनात की जाएगी, जो अस्पताल में आने वाले मरीजों की मदद करेगी।

प्रदेश में अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए शासकीय अस्पतालों के प्रमुखों के साथ रविवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों व अस्पतालों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।

सरकार मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर गंभीर है। प्रदेश में सेहत के क्षेत्र में निवेश हो रहा है। उन्होंने अस्पतालों के प्रमुखों को निर्देश दिए कि नई तकनीक का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जाए।

मरीजों की मदद के लिए तैनात रहेगी एक टीम

उन्होंने कहा कि शासकीय अस्पतालों व संस्थानों में अच्छे डाक्टर व सुविधाएं तथा पर्याप्त मात्रा में स्टाफ उपलब्ध है। इसलिए हमारी कोशिश होनी चाहिए कि शासकीय अस्पतालों में आने वाले मरीज अच्छा अनुभव लेकर जायें। इसके लिए जरूरी है कि शासकीय अस्पतालों में उपलब्ध हर सुविधाएं जरूरत के अनुसार मरीजों को मिल सकें।

उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर मरीजों की मदद के लिए एक टीम तैनात की जाए, जो मरीजों को संबंधित वार्ड या डाक्टर तक पहुंचाने का कार्य करे। साथ ही आवश्यकतानुसार मरीजों को स्ट्रेचर व व्हील चेयर उपलब्ध करवाए। उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर व व्हील चेयरों को जंजीरों में बांध कर न रखें, जिससे तत्काल मरीजों के लिए उसे उपलब्ध करवाया जा सके। इसी प्रकार इमरजेंसी वार्ड के पास भी अस्पताल प्रशासन की टीम उपलब्ध रहे।

मरीजों से मिलेगा अच्छा फीडबैक

उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ अच्छा बर्ताव, बीमारी के बारे में सही जानकारी और उचित सलाह देने से शिकायत की गुंजाइश नहीं रह जाएगी। अस्पताल आने वाले मरीज अच्छा अनुभव लेकर जाएंगे और बाहर जाकर संस्थान व डाक्टरों की प्रशंसा करेंगे।

बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डाक्टर बृजेश राठौर, केजीएमयू की वीसी सोनिया नित्यानंद, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह सहित प्रदेश के शासकीय अस्पतालों के प्रमुख उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें - दिल्ली विस्फोट के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट, ट्रेन डिरेल की कोशिशों ने भी बढ़ाई चिंता; ATS-STF भी सतर्क

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।