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EV Sales in UP: ई-वाहनों के बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा उत्तर प्रदेश, 2023 में 1.5 मिलियन यूनिट बिकी

उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री (EV Sales in UP) को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कई रोचक तथ्य हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार 2023 में उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। 2023 में यूपी ने कुल 2 लाख 32 हजार 601 ई-रिक्शा बेचे जोकि कुल बिक्री का 81.62 फीसदी है।

By Vivek Rao Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 31 Jul 2024 07:23 PM (IST)
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EV Sales in UP: उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 18 प्रतिशत की वृद्धि। जागरण

विवेक राव, लखनऊ। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसमें वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। राज्य ने कुल इलेक्ट्रिक वाहनों में 81.62 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ ई-रिक्शा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में 2,77,837 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई, जिसमें से 2,32,601 ई-रिक्शा शामिल हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय और रेडिफ्यूजन मुंबई के सहयोग से तैयार की गई भारत लैब की रिपोर्ट में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के बाजार से जुड़ी कई रोचक जानकारियां, आंकड़े और बाजार का पूरा दृश्य को सामने रखा है।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में ईवी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और उत्तर प्रदेश इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केयरएज की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 1.5 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई, जो 2022 में 1.02 मिलियन यूनिट से 50 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की बाजार हिस्सेदारी 2021 में 1.75 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 6.38 प्रतिशत हो गई है। यह वृद्धि पर्यावरणीय चिंताओं, ईंधन की बढ़ती लागत और ईवी प्रौद्योगिकी में प्रगति को दर्शाती है। वहीं, प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में, इस वृद्धि में योगदान दे रहा है।

शहर ने ईवी की बढ़ती मांग और इनकी स्वीकार्यता के साथ-साथ स्थायी परिवहन समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। लखनऊ में ईवी की स्वीकृति और उपयोग बढ़ते हुए दिख रहे हैं, जो पर्यावरणीय जिम्मेदारी और प्रौद्योगिकी में सुधार को दर्शाता है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का हो रहा है विकास उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे पर 72 चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रहा है। जहां फास्ट चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में लखनऊ आगरा और यमुना एक्सप्रेसवे पर स्थिति चार्जिंग स्टेशन धीमी चार्जिंग की सुविधा दे रहे हैं।

भविष्य में ईवी चार्जिंग की सुविधा और सुगम होगी। उत्तर प्रदेश में दो फरवरी 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 583 है। देश में सबसे अधिक ईवी चार्जिंग स्टेशन कर्नाटक में 5130 है। दिल्ली में 1886 ईवी चार्जिंग स्टेशन संचालित हैं।

प्रदेश में ईवी के आंकड़े

वाहन बिक्री (यूनिट्स)
ई-रिक्शा 2023 में उत्तर प्रदेश ने कुल 2,32,601 ई-रिक्शा बेचे, जो कुल बिक्री का 81.62 प्रतिशत है।
ई-दो पहिया वाहन 40,268 यूनिट्स
ई-चार पहिया वाहन 4,846 यूनिट्स

ई-बस

50 यूनिट्स

कार्बन फुटप्रिंट होगा कम

भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। नीति आयोग का अनुमान है कि 2030 तक 30 से 70 प्रतिशत आटोमोबाइल, 40 प्रतिशत बसें, और 80 प्रतिशत दोपहिया और तिपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। यह लक्ष्य भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और स्थायी ऊर्जा समाधानों की ओर बदलाव को रेखांकित करता है। वहीं, ईवी क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 10 मिलियन प्रत्यक्ष और 50 मिलियन अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।

इसके अलावा, ई-ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक बसों जैसे नए प्रौद्योगिकी उपायों की ओर बढ़ते रुझान भी इस उद्योग की निरंतर वृद्धि का संकेत देते हैं। उत्तर प्रदेश और लखनऊ, इलेक्ट्रिक वाहनों के इस क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो न केवल पर्यावरणीय सुधार बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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