Earth Day 2023: धरती से हर दिन खींच रहे 140 करोड़ लीटर पानी, कट जाते हैं तीन सौ से अधिक पेड़,
Earth Day 2023 आज पृथ्वी दिवस है। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि हर रोज धरती से 140 करोड़ लीटर पानी लेने के कारण भूजल के स्ट्रैटा में खाई नुमा संरचना विकसित हो गई है। ये भूगर्भीय घटनाओं को लेकर खतरे की घंटी है।
वायु भी हो जाती है प्रदूषित
तीन साल पहले की बात है, जब हवा में प्रदूषण इस कदर घुल गया था कि लोगों को मुंह पर मास्क लगाना पड़ा था। शहर में चल रहीं अवैध फैक्ट्रियां, कूड़े और पालीथीन को जलाने के साथ ही काला धुआं फेंकते वाहन भी हवा को जहरीली बनाने का काम करते, जो पृथ्वी की सुरक्षा पर हमला बोलने जैसा ही काम करते हैं। भूजल दोहन रोकने की नीति और वर्षा जल बचाने का कड़ाई से पालन कराना होगा।पेयजल आपूर्ति के लिए नलकूपों के बजाय नदी जल का उपयोग करना चाहिए। 653 स्थानीय निकायों में से 622 में पेयजल की आपूर्ति पूरी तरह से भूजल पर ही निर्भर है, जो भविष्य के लिए खतरे का संकेत है।
आरएस सिन्हा, भूगर्भ जल विभाग के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक
पचास हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले सौ से अधिक तालाब और झीलों को पाट दिया गया है। 1400 तालाबों में से अधिकांश पर आवासीय योजनाएं बन गई हैं। मौजूदा समय बची झील और तालाबों को बचाना होगा।
वेंकटेश दत्ता, प्रोफेसर बाबा साहेब डा. भीम आंबेडकर यूनिवर्सिटी
पिछले साल भी 36 लाख पौधे लगाए गए थे और इस साल भी इतने ही पौधे लगाए जाने हैं। बक्शी का तालाब और मोहनलालगंज में हरित पट्टी बनाई जानी है। पौधे लगाने के साथ हर किसी को उसे बचाने की पहल करनी चाहिए।
डा. रवि कुमार सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी लखनऊ अवध
- लखनऊ जलकल 350 एमएलडी (मिलीयन लीटर डेली)रेलवे व अन्य सरकारी विभाग 145 एमएलडी
- मल्टीलेवल अपार्टमेंट और आवासीय कालोनियां 315 एमएलडी
- होटल, अस्पताल, माल व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान 130 एमएलडी
- टैंकर, बोतल यूनिट, वाटर पार्क, स्वीमिंग पुल 38 एमएलडी
- औद्योगिकी क्षेत्र 178 एमएलडी निर्माण कार्य 24 एमएलडी
- पार्क व अन्य में 10एमएलडी
- सबमर्सिबल पंप 195 एमएलडी (2020 की सर्वे रिपोर्ट ग्राउंड वाटर एक्शन ग्रुप)