सरफराज के मोबाइल में मिला मतांतरण का एजेंडा, गैर मुस्लिम युवतियों से लिवइन रिलेशन बनाने व शादी के लिए होती थी फंडिंग
Illegal conversion मौलाना कलीम सिद्दीकी के दिल्ली स्थित चार स्थानों पर छापेमारी करने के बाद उसके एक और सक्रिय सहयोगी सरफराज अली जाफरी की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस को उसके मोबाइल फोन से कई अहम साक्ष्य मिले हैं।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 08 Oct 2021 06:06 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने अवैध मतांतरण के मामले में कई अहम राज खोले हैं। मौलाना कलीम सिद्दीकी के दिल्ली स्थित चार स्थानों पर छापेमारी करने के बाद उसके एक और सक्रिय सहयोगी सरफराज अली जाफरी की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी को उसके मोबाइल फोन से कई अहम साक्ष्य मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि सरफराज के मोबाइल से गैर मुस्लिम युवतियों से लिवइन रिलेशन बनाने और शादी के लिए फंडिंग करने के भी साक्ष्य मिले हैं। एटीएस अब इस दिशा में अपनी छानबीन की और आगे बढ़ा रही है। सरफराज व मौलाना कलीम के नेटवर्क के जरिए जिन लोगों का मतांतरण होता था, उनका ब्योरा मौलाना उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर को भी भेजा जा जाता था। माना जा रहा है विदेश से फंडिंग के लिए यह ब्योरा साझा होता था।
एटीएस अधिकारियों का कहना है कि सरफराज के मोबाइल फोन से कई अहम साक्ष्य मिले हैं। हर माह तय एजेंडे के तहत मतांतरण की गतिविधियां बढ़ाए जाने के साक्ष्य भी मिले हैं। जिसके तहत दावती कैंप, दावती गश्त, दावत यानी मतांतरण के लिए नए स्थान चिन्हित किए जाते थे। इन चिन्हित स्थानों के लिए मतांतरण के काम में लगे प्रचारक भी आवंटित किए जाते थे। इसके अलावा मतांतरण संबंधी अभिलेखों के प्रचार-प्रसार, मतांतरण कर चुके लोगों को जमात में भेजने की व्यवस्था, उनकी नौकरी व शादी की व्यवस्था करना, अन्य धर्म के लोगों को मस्जिद ले जाने की व्यवस्था, उनका विवरण रखे जाने का भी ब्योरा मिला है।
अवैध मतांतरण के मामले में एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी के दिल्ली स्थित चार स्थानों पर छापेमारी करने के बाद उसके एक और सक्रिय सहयोगी सरफराज अली जाफरी को गिरफ्तार किया है। सरफराज दिल्ली के शाहीनबाग स्थित मौलाना कलीम के ग्लोबल पीस सेंटर का मैनेजर है। सरफराज के तार मौलाना उमर गौतम से भी जुड़े हैं। एटीएस का दावा है कि उसके मोबाइल से अवैध मतांतरण के लिए की जा रही गतिविधियों के ठोस प्रमाण मिले हैं। देश-विदेश से हो रही फंडिंग में भी उसकी सक्रिय भूमिका है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि छानबीन के दौरान बटला हाउस, ओखला (दिल्ली) निवासी सरफराज अली की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। वह मूलरूप से अमरोहा का निवासी है। सरफराज अली वर्ष 2016 से मौलाना कलीम के ग्लोबल पीस सेंटर का प्रबंधक है। ग्लोबल पीस सेंटर संस्था के जरिए मौलाना कलीम मतांतरण संबंधी गतिविधियों का संचालन कर रहा था। सरफराज द्वारा दिल्ली की हृयूमेनिटी फार आल संस्था के जरिए भी अवैध मतांतरण की गतिविधियां संचालित करने की बात सामने आई है। एटीएस ने उसे 29 सितंबर को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था।
आइजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि सरफराज से बुधवार शाम लखनऊ स्थित मुख्यालय में पूछताछ की गई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सरफराज को गुरुवार को एटीएस की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। कोर्ट में उसकी पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गई है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। सरफराज दिल्ली मेंं रहकर मौलाना कलीम के एजेंटों के जरिए भेजे गए लोगों का ग्लोबल पीस सेंटर के जरिए अवैध मतांतरण कराता था। वह मतांतरण से पहले लोगों के मन में उनके धर्म के प्रति घृणा का भाव पैदा करता था और फिर तरह-तरह के प्रलोभन देता था। मतांतरण संबंधी दस्तावेज तैयार कराने में भी उसकी अहम भूमिका थी। मौलाना कलीम इसके लिए सरफराज को मोटी रकम उपलब्ध कराता था।
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