लखनऊ। मेरठ जेल में बंद निठारी काड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को फासी की सजा देने के लिए रस्सा बिहार की बक्सर जेल से बनकर आएगा। उसके लिए फंदा उसे फासी देने वाला मेरठ क जल्लाद पवन बनाएगा। आमतौर पर किसी जेल में फासी देने से पहले जेल अधीक्षक दूसरे जेलों के अधीक्षक से फासी के संबंध में जरूरी मदद लेते हैं। आजकल 2006 के निठारी काड में आरोपी रहे सुरेंद्र कोली को फासी की सजा चर्चा में है। कोली को फासी मेरठ जेल में दी जानी है। केंद्रीय कारागार नैनी के अधीक्षक अंबरीश गौड़ का कहना है कि फासी दिए जाने के लिए रस्सा तो बिहार की बक्सर जेल में तैयार किया जाता है और फंदा जल्लाद खुद तैयार करता है। रस्सा जेल नियमों के मुताबिक तैयार किया जाता है। उसकी कई स्तर पर जाच होती है। किसी जेल में फासी को लेकर जेल अधीक्षक दूसरे जेलों के अधिकारियों से बातचीत करते हैं।
आम से खास बन गया पवन
मेरठ की काशीराम आवास योजना के एक मामूली से मकान का बाशिदा भी इस शहर की भीड़ में खो जाने वाले अनगिनत चेहरों के मानिंद है लेकिन इन दिनों यह मकान और यह शख्स आम से खास बन गया है। खिचड़ी दाढ़ी, बिखरे बाल, स्लेटी कलर की फटी टी-शर्ट और मुचड़े पतलून के साथ पैरों में रबर की पुरानी चप्पल। इतनी सारी पहचान किसी और की नहीं बल्कि जल्लाद पवन की है। निठारी काड के नरपिशाच सुरेंद्र कोली को जब से फासी देने के लिए मेरठ की जेल लाया गया है तब से पवन की दिनचर्या और व्यस्तताएं बढ़ गई हैं। उसे नियमित रूप से जेल जाना पड़ रहा है बल्कि वहा फासी की तैयारियों में जेल प्रशासन का हाथ भी बटाना पड़ रहा है।कोली की फासी का रिहर्सल
निठारी नरसंहार के आरोपी सुरेंद्र कोली का डेथ वारंट जारी होने के बाद मेरठ जेल प्रशासन कोली की फासी की तैयारियों में जुटा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मोहम्मद हुसैन मुस्तफा रिजवी के बुलावे पर कल शाम पवन जल्लाद जेल परिसर में दाखिल हो गए। पवन के जेल पहुंचने के बाद अफसरों की मौजूदगी में पूरा अमला फासी घर पहुंचा। बंदीरक्षकों ने रस्से से लेकर तख्त और एंगल तक परखा। पवन जल्लाद की मानें तो सुरेंद्र कोली के बराबर वजन का पुतला तैयार कर गले में फंदा लगाया गया और फासी दी गई। फाइनल रिहर्सल डीएम और एसएसपी तथा स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों को बुलाकर पूरी की जाएगी। हालाकि वरिष्ठ जेल अधीक्षक मोहम्मद हुसैन मुस्तफा रिजवी ने रिहर्सल की बात से इन्कार किया और कहा कि पवन जल्लाद को मीटिंग के लिए बुलाया गया था जबकि पवन जल्लाद ने बताया कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने जेल में बुलाकर कोली की फासी का रिहर्सल कराया। पूरा दृश्य उसी तरह चला, जैसे फासी दी जाती है।