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उत्तर प्रदेश में खाली हुई 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव क्यों है अहम, RLD के लिए चुनौती; कांग्रेस कर रही ये मांग

लोकसभा के बाद अब विधानसभा की 10 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव (By Election in UP) होने हैं। इनमें से नौ सीटें विधायक से सांसद बनने के कारण रिक्त हुई हैं जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता खत्म होने के बाद खाली हुई है। यह उपचुनाव एनडीए व विपक्षी गठबंधन दोनों के लिए ही आपसी रिश्तों व प्रदर्शन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

By Shobhit Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 19 Jun 2024 03:29 PM (IST)
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By Election in UP: आपसी रिश्तों व प्रदर्शन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा उपचुनाव
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा की 10 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव (By Election in UP) होने हैं। इनमें से नौ सीटें विधायक से सांसद बनने के कारण रिक्त हुई हैं जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता खत्म होने के बाद खाली हुई है। यह उपचुनाव एनडीए व विपक्षी गठबंधन (NDA vs INDIA) दोनों के लिए ही आपसी रिश्तों व प्रदर्शन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों ही गठबंधन एक-दूसरे की सीटें कब्जा करने की कोशिश में जुटेंगे।

इन 10 सीटों में पांच सपा, तीन भाजपा, एक रालोद व एक निषाद पार्टी की हैं। फूलपुर के भाजपा विधायक प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट जीती है। अलीगढ़ की खैर से भाजपा विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी होना है उपचुनाव

गाजियाबाद से भाजपा विधायक डॉ. अतुल गर्ग गाजियाबाद लोकसभा सीट से विजयी रहे हैं। निषाद पार्टी के मझवां से विधायक डा. विनोद कुमार बिंद ने भाजपा के टिकट से भदोही लोकसभा सीट जीती है। रालोद के मीरापुर के विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद बन गए हैं। इसी प्रकार समाजवादी पार्टी में अयोध्या की मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट जीत ली है।

करहल के विधायक व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से जीते हैं। अंबेडकरनगर की कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा ने अंबेडकरनगर से जीत दर्ज की है। कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने संभल से चुनाव जीता है। ऐसे में अब फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी व सीसामऊ विधानसभा का उपचुनाव होना है।

कांग्रेस ने सपा से मांगी सीटें

कांग्रेस भी उपचुनाव में सपा से सीटें मांग रही है। कितनी सीटों पर समझौता होता है यह तो दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में ही तय होगा। किंतु यह चुनाव आपसी रिश्तों व प्रदर्शन के लिहाज से दोनों ही गठबंधन के लिए ही महत्वपूर्ण है। आइएनडीआइए के पाास जहां लोकसभा चुनाव की तर्ज पर उपचुनाव में भी आपसी समन्वय बनाकर अच्छा प्रदर्शन दिखाकर 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन को और मजबूत करने का मौका है वहीं, एनडीए उपचुनाव में सपा की सीटें जीत कर लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला ले सकता है।

यह चुनाव रालोद के लिए भी चुनौतियों भरा है क्योंकि रालोद ने 2022 का विधानसभा चुनाव सपा के साथ गठबंधन में मिलकर लड़ा था जबकि इस बार वह भाजपा गठबंधन के साथ है। रालोद ने मीरापुर सीट भाजपा से ही 27,380 वोटों से जीती थी। इस बार उसका मुकाबला पूर्व सहयोगी सपा से ही होगा। वहीं, निषाद पार्टी को भी अपनी मझवां सीट फिर से जीतकर यह साबित करना होगा कि उसकी पकड़ कमजोर नहीं पड़ी है। (By Election in UP)

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