Flood in UP: बाढ़ में डूबी 5 जिंदगियां, मलबे में दबकर 5 की मौत; अब भी डरा रहीं राप्ती और सरयू समेत कई नदियां
Flood in UP यूपी के विभिन्न जिलों में बाढ़ के पांनी में डूबकर पांच लोगों का मौत हो गई वहीं बहराइच में मकान गिरने से मलबे में दबकर एक व्यक्ति की जान चली गई। राप्ती रोहिन सरयू शारदा आदि नदियां अब भी लोगों को डरा रही हैं।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2022 12:00 AM (IST)
UP News: लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बाढ़ की त्रासदी ने बुधवार को विभिन्न जिलों में पांच जिंदगियों को लील लिया तो वहीं, बहराइच में मकान गिरने से मलबे में दबकर एक, जबकि बांदा में दो बच्चों व फतेहपुर में मकान की दीवार गिरने से दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, विभिन्न जिलों में बुधवार को बारिश थमी, लेकिन राप्ती, रोहिन, सरयू, शारदा आदि नदियां अब भी डरा रही हैं।
सीतापुर में कई गांवों से संपर्क टूटा
सीतापुर में सरयू का जलस्तर बुधवार को 119.70 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया। संपर्क मार्ग डूबे है। इससे गांवों का संपर्क टूटा है। बलरामपुर में गांव-शहर सब पानी में डूबे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 200 नावें व 30 मोटरबोट लगाकर राहत व बचाव कार्य किए जा रहे हैं। अंबेडकरनगर में घाघरा ने टांडा, आलापुर तहसील के लगभग 12 गांव को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है।
बहराइच में 300 गांव पानी से घिरे
बाराबंकी में टिकैतनगर के ग्राम परसावल में बाढ़ के पानी में डूबकर एक किशोरी की मौत हो गई। बहराइच में तीन सौ गांव अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। ग्राम पंचायत मंझारा तौकली के इंस्पेक्टररेती में बाढ़ के पानी में डूबकर युवती की मौत हो गई। गोड़हिया नंबर चार के नान्हू महतोपुरवा में दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। लखीमपुर में सबसे ज्यादा नुकसान पलिया, निघासन और धौरहरा में हुआ है। गोंडा के नवाबगंज के दो गांवों में डूबे दो युवकों की तलाश में गोताखोर लगे हैं। यहां खतरे के निशान से घाघरा 125 व सरयू नदी 116 सेंमी. ऊपर बह रही है।
सरयू व राप्ती खतरे के निशान से ऊपर
गोरखपुर जिले में सरयू व राप्ती नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उनके जलस्तर में वृद्धि जारी है लेकिन रफ्तार कम है। जिले में 160 गांव प्रभावित हो चुके हैं। रोहिन नदी के जलस्तर में लगातार तीसरे दिन भी गिरावट हुई। हालांकि नदी अभी भी खतरे के बिन्दु से ऊपर बह रही है। गोर्रा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। यह 70.90 मीटर यानी खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर बह रही है। बस्ती में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। बाढ़ की वजह से विक्रमजोत-धुसवा तटबंध में रिसाव होने लगा है। वहीं, वाराणसी में 36 घंटे में 84 सेमी पानी बढ़ने से घाटों की सीढ़ियों पर पानी चढ़ गया है। उस पार रेती तक पानी का फैलाव होता जा रहा है। फिलहाल पांच सेमी प्रति घंटा के वेग से जलस्तर में वृद्धि जारी है। बुधवार रात आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 65.85 मीटर पर पहुंच गया।कानपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि
सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती और राप्ती के जलस्तर में वृद्धि जारी है। बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान से 1.69 मीटर ऊपर बह रही है। राप्ती भी खतरे के निशान से 38 सेमी ऊपर है। देवरिया में सरयू नदी के जलस्तर में 15 सेमी और राप्ती के जलस्तर में 20 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई। महराजगंज में रोहिन और राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई हैं। बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण कानपुर में गंगा व रामगंगा नदी की जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। फर्रुखाबाद और उन्नाव में गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। उन्नाव के गंगाघाट क्षेत्र के मोहम्मदनगर व गोताखोर मोहल्ले में गंगा का पानी पहुंच चुका है।
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