डिंपल-अखिलेश समेत यादव परिवार के पांच दिग्गज चुनावी मैदान में, इन सीटों पर जबरदस्त मुकाबला; दांव पर लगी साख
Lok Sabha Election उत्तर प्रदेश की राजनीति में सैफई परिवार अहम किरदार निभाता आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस बार लोकसभा चुनाव में बहू डिंपल बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अक्षय आदित्य और धर्मेंद्र यादव चुनावी मैदान में हैं। राजनीतिक पंडित कयास लगा रहे हैं कि इस बार तीसरे चरण से उठने वाली बयार का असर पूर्वांचल तक पड़ेगा।
राजनीति के दंगल में धोबी पछाड़ से विपक्षियों को चकमा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की चुनावी विरासत नए दौर में कड़ी परीक्षा देने जा रही है। उनकी बहू डिंपल यादव सीट का भावनात्मक मिजाज समझते हुए अपने ससुर के नाम पर वोट मांग रही हैं, वहीं मुलायम के दो भतीजे भी समाजवादी राजनीति की चुनावी प्रयोगशाला में उतर गए हैं।
सैफई परिवार की चुनावी कसरत पर राजनीतिक पंडितों की नजरें हैं। तीसरे चरण से उठने वाली चुनावी बयार का असर पूर्वांचल तक पड़ेगा। विशेष संवाददाता शोभित श्रीवास्तव की रिपोर्ट...
समाजवाद के वैचारिक धरातल पर सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला खड़ाकर सत्ता तक पहुंचने वाले मुलायम सिंह 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी चट्टान की तरह खड़े रहे। पहली बार यादव परिवार मुलायम के बिना लोकसभा चुनाव में उतर रहा है।
मुलायम की मैनपुरी में उनकी बहू व सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल ने सहानुभूति की लहर पर सवार होकर बड़ी जीत दर्ज की थी।
मैनपुरी में वोटों की गणित
डिंपल इस बार भी मुलायम के नाम पर मतदाताओं से कनेक्ट बढ़ा रही हैं। इस लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 22 प्रतिशत यादव, 14 प्रतिशत शाक्य और 11 प्रतिशत क्षत्रिय मतदाता हैं। लोधी और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या क्रमश: सात एवं चार प्रतिशत है।यही वजह है कि जातीय समीकरणों की ठोस सड़क पर (1996, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 व 2019) व तीन उपचुनाव (2004, 2014 व 2022) में साइकिल पूरी रफ्तार से दौड़ी। इस बार भाजपा ने यहां मुलायम सिंह की नर्सरी से निकले व अब प्रदेश सरकार में पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को उतारा है।
वहीं, भगवा खेमे ने यादव मतदाताओं को साधने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को प्रचार के रथ पर चढ़ा दिया है। बसपा ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी बदलकर शिव प्रसाद यादव को उतारते हुए सपा की चुनौती बढ़ाने का प्रयास किया है।
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