यूपी में बाढ़ से हालात चिंताजनक, खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रहीं गंगा और यमुना
उत्तर प्रदेश में बाढ़ के कारण हालात चिंताजनक बने गए हैं। प्रयागराज में गंगा-यमुना ने खतरे का निशान पार कर लिया। बनारस चित्रकूट हमीरपुर जालौन कानपुर देहात सहित कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से जलधार गांव घेर कर ग्रामीणों को डरा रही है।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 08:56 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बाढ़ के कारण हालात चिंताजनक बने गए हैं। प्रयागराज में गंगा-यमुना ने मंगलवार को खतरे का निशान पार कर लिया। इसके साथ ही नदियों के किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। बनारस, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, कानपुर देहात सहित कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से जलधार गांव घेर कर ग्रामीणों को डरा रही है। इटावा और औरैया में सोमवार को बाढ़ के हालात और राहत कार्यों का जायजा लेने के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हमीरपुर और जालौन जिले के भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित कर उनका हालचाल जाना। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर राहत कार्यों की जानकारी ली। जालौन में जगमम्नपुर के बाढ़ राहत शिविर लोगों से मुलाकात कर खाद्य सामग्री बांटी। महेवा, रामपुरा और माधवगढ़ ब्लाक में बाढ़ में डूबकर जिन चार लोगों की मौत हुई, उनके स्वजन को चार-चार लाख रुपये आर्थिक मदद की।
संगमनगरी में लगातार तीसरे दिन गंगा और यमुना उफान पर रहीं। मंगलवार रात आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.09 मीटर ऊपर था और यमुना का 95 सेंटीमीटर। रात आठ बजे के आसपास इस समय गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 85.82 व छतनाग में 85.03 मीटर था तथा नैनी में यमुना का 85.65 मीटर। तीनों ही स्थान पर खतरे का निशान 84.73 मीटर है। करीब 12 हजार मकान शहर में ही डूब क्षेत्र में आ गए हैैं। जिले में कुल आठ में सात तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैैं। मंगलवार को शहर में 14 और गांवों में तीन बाढ़ राहत शिविरों में कुल 894 परिवार के 3995 लोगों ने शरण ली थी।
गंगा में लगातार बढ़ाव से बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मीरजापुर, भदोही में हाहाकार मचा हुआ है। बलिया में आठ घंटे में गंगा ने आठ सेमी बढ़ी है। गाजीपुर में गंगा का पानी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब नगरीय क्षेत्रों में भी घुसने लगा है। यहां जलस्तरखतरे के निशान से एक मीटर से भी अधिक है। चंदौली में सरयू का जलस्तर लाल निशान से 50 सेंटीमीटर अधिक रहा। मीरजापुर में गंगा सोमवार की देर रात खतरे के निशान 77.724 को पार कर लिया। मंगलवार की सुबह 77.950 पहुंच गया। भदोही में भी गंगा खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही थीं।
उधर, यमुना का जलस्तर बढ़ने से चित्रकूट की मऊ व राजापुर तहसील के आधा दर्जन से अधिक कच्चे मकान जमींदोज हो गए। बांदा में आधी रात से यमुना और केन का जलस्तर कम होने लगा है। हालांकि, यमुना अभी भी खतरे के निशान से सवा दो मीटर ऊपर बह रही है। हमीरपुर, उरई औरैया में भी यमुना का जलस्तर घटने लगा है। इटावा में यमुना व चंबल नदी का जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। हालांकि अभी दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। फतेहपुर में गंगा-यमुना में पानी घटना शुरू हो गया है, लेकिन कानपुर-बांदा मार्ग अब भी बंद है।
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