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यूपी के कई गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा, खतरे के निशान के पार हुई सरयू

पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के कारण उत्तर प्रदेश की नदियों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। एक ओर गंगा यमुना का जलस्तर घट रहा है तो अवध और पूर्वांचल के जिलों में नदिया खतरे के निशान के पार बह रही हैं। इससे यूपी के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 12 Aug 2024 03:48 PM (IST)
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खतरे के निशान के पार हुई सरयू

जागरण टीम, लखनऊ। पहाड़ों पर बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद प्रदेश की नदियों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। एक तरफ गंगा और यमुना का बढ़ा जलस्तर घट रहा है तो अवध और पूर्वांचल के जिलों में खतरे के निशान के पार बह रही सरयू चिंता बढ़ा रही है।

जिस गति से जलस्तर बढ़ रहा है उससे कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच शारदा व गिरजा बैराज से छोड़ा गया पानी एक-दो दिन में सरयू के जलस्तर को और भी बढ़ाएगा।

बैराजों से छोड़ा जा रहा पानी

गोंडा में रविवार को एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर व अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर 24 सेंटीमीटर ऊपर रहा। बैराजों से तीन लाख 12 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। तलहटी इलाकों में गांवों की तरफ नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण सहमे हुए हैं।

बाराबंकी में भी सरयू नदी खतरे निशान से ऊपर है। बबुरी गांव नदी में समा चुका है, अब केदारीपुर नदी के जद में आ गया है। शारदा व गिरजा बैराज से जो पानी छोड़ा गया है, सोमवार को जिले की परिधि में दिखाई देगा।

पूर्वांचल क्षेत्र में आजमगढ़ में सरयू का जलस्तर खतरा बिंदु से 71 सेमी ऊपर पहुंच गया। मऊ, बलिया में भी सरयू का पानी बढ़ रहा है और जलस्तर खतरा बिंदु से ऊपर है। सोनभद्र में नगवां व रिहंद बांध में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तीन वर्षों बाद रिहंद बांध में 80 प्रतिशत पानी भरा है।

एक दर्जन गांव पहले से ही बाढ़ग्रस्त

बरेली मंडल में गंगा और रामगंगा नदियों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। बदायूं के कछला में गंगा नदी में शनिवार को मीटर गेज 162.11 था, जो रविवार को 162.24 मीटर तक पहुंच गया। एक दर्जन गांव पहले से बाढ़ग्रस्त हैं। शाहजहांपुर, बरेली व पीलीभीत में नदिया खतरे के निशान से नीचे हैं।

वाराणसी में गंगा के जलस्तर में तेजी से गिरावट का क्रम जारी है। असि घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच के पास से पानी हट गया है। मणिकर्णिका की छत व हरिश्चंद्र घाट की गली के मुहाने पर अभी भी शवदाह जारी है। उधर आरती भी दशाश्वमेध घाट की छत पर ही हो रही है। गाजीपुर, मीरजापुर और बलिया में भी गंगा घट रही हैं। बलिया में जलस्तर खतरा बिंदु से करीब एक मीटर ऊपर है।

शारदा नदी ने पूरे गांव का अस्तित्व समाप्त किया लखीमपुर के बिजुआ ब्लाक की ग्राम पंचायत करसौर के मजरा नयापुरवा का शारदा नदी ने लगभग अस्तित्व समाप्त कर दिया है। अब गांव में दो मकान ही बचे हुए हैं। तिकुनिया के नया पिंड गांव में मोहाना नदी की भीषण कटान से आबादी खतरे में है।

भीषण कटान से रेलवे ट्रैक व खैरटिया बांध भी खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। उधर पलिया क्षेत्र में भीरा मार्ग पर पानी का बहाव जारी है।

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