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उत्तर प्रदेश में आया इतने हजार करोड़ का विदेशी निवेश, सीएम योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद किया है सुधार

UP News - उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था व इंफ्रास्ट्रक्चर तथा कनेक्टिविटी में सुधार के चलते 13372 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है जबकि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में 3700 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आने की संभावना सरकार ने जताई है। यही वजह है कि जीबीसी की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

By Manoj Kumar TripathiEdited By: Shivam YadavUpdated: Sun, 10 Dec 2023 09:42 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश में आया इतने हजार करोड़ का विदेशी निवेश।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था व इंफ्रास्ट्रक्चर तथा कनेक्टिविटी में सुधार के चलते 13,372 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है, जबकि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में 3,700 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आने की संभावना सरकार ने जताई है। यही वजह है कि जीबीसी की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर व कनेक्टिविटी में काफी सुधार किया है। इसके चलते प्रदेश में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिला है। 

2017 से 2022 के बीच लगभग 10,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश प्रदेश में आया था, वहीं 2023 में अब तक 3,372 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश धरातल पर उतारा जा चुका है। अगली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में 3,700 करोड़ रुपए के एफडीआई आने की पूरी संभावना है।

निवेश करने वाले प्रमुख विदेशी निवेशक

इन्वेस्ट यूपी के डेटा के अनुसार प्रमुख विदेशी निवेशकों में सैमसंग (दक्षिण कोरिया), माइक्रोसॉफ्ट (यूएसए), उबर (यूएसए), पेप्सिको (यूएसए), फेयरफाक्स (यूएसए), हिंदुस्तान यूनिलीवर (यूके), एबी मौरी (यूके), एयर लिक्विड (फ्रांस), सिफी (यूएसए), एसटीटी ग्लोबल (सिंगापुर), एनटीटी (जापान), लुलु ग्रुप (यूएई), वीवो (चीन), हायर (चीन), होलीटेक (चीन), सनवोडा (चीन), लुआचुआंग एलसीई (चीन) आदि शामिल हैं।

परियोजनाओं के विस्तार से मिलेगा रोजगार

प्रमुख विदेशी निवेशकों द्वारा अपनी परियोजनाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। इनमें यूके की कंपनी सस्टीन लिमिटेड मुजफ्फरनगर में 500 करोड़ के निवेश से सस्टेनेबल प्रोटीन परियोजना स्थापित करने जा रही है। इससे 100 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। 

इसी तरह यूएई का शराफ ग्रुप कानपुर में 1250 करोड़ की लागत से लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना करने की तैयारी कर रहा है। इससे 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा। यूएसए की पेरोस्फीयर इंडिया गौतमबुद्धनगर में 570 करोड़ के निवेश से नोवेल कोगुलोमीटर प्रणाली से संबंधित प्रोजेक्ट लगाएगा, इससे 225 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। 

यूएसए की ई कुबेर वेंचर्स द्वारा श्रावस्ती में फार्म हाउस और इको टूरिज्म पर 82 करोड़ रुपए का निवेश करने की कवायद की जा रही है। इससे 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। सिंगापुर की इंटरनेशनल ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स पीटीई लि. लखनऊ में फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ निवेश करेगी, जिससे 200 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। 

ऑस्ट्रेलिया की एसजीसी सिटी सेंटर डेवलपर्स पीटीवाई लि. सिद्धार्थनगर में 25 करोड़ के निवेश के आईटी पार्क बनाएगी, जिससे 100 लोगों को रोजगार मिलेगा। स्विट्जरलैंड की एडटिंगो इंटरनेशनल (बिग हार्ट्स) आगरा में 330 करोड़ से फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाएगी, जिसमें 800 रोजगार उपलब्ध होंगे।

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