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लोकसभा चुनाव से पहले सपा में होगी टूट? पूर्व विधायक ने भी छोड़ा साथ; नई पार्टी बनाने की कही बात

UP Politics चुनाव से पहले सपा के भीतर चल रहा गतिरोध खुलकर सामने आने लगा है। अखिलेश यादव की पीडीए मुहिम को झटके पर झटका लग रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य सलीम शेरवानी के बाद अब दो दिन पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को उपेक्षा किए जाने का पत्र भेजने वाले पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

By Riya.Pandey Edited By: Riya.Pandey Updated: Mon, 19 Feb 2024 06:30 PM (IST)
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पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने भी दिया सपा से इस्तीफा
जागरण संवाददाता, लखनऊ। UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव की पार्टी में जैसे सेंध लग गई हो। एनडीए को हराने के लिए सपा की सारी रणनीतियां धरी की धरी रह जाने की उम्मीद है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी का साथ क्या छोड़ा सपा में फूट पड़ गया।

एक-एक करके सपा के धुरंधर जिस तरह पार्टी को छोड़ रहे हैं वो दिन दूर नहीं कि अखिलेश को लोकसभा चुनाव से पांव वापस न खिंचने पड़ जाएं। दरअसल, सपा के एक और नेता ने पार्टी का साथ छोड़ कर नई पार्टी बनाने की बात कही है। 

पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने दिया इस्तीफा

स्वामी प्रसाद मौर्य, सलीम शेरवानी के बाद अब दो दिन पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को उपेक्षा किए जाने का पत्र भेजने वाले पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खेमे के हैं और जल्द ही नई पार्टी बनाने की बात कही।

बीते दिनों पार्टी में पीडीए की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए एक हफ्ते के अंदर ही रविवार को दूसरे राष्ट्रीय महासचिव ने त्यागपत्र दे दिया था। राज्यसभा चुनाव में टिकटों के वितरण से नाराज पूर्व सांसद शलीम शेरवानी ने मुस्लिमों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। चुनाव से पहले सपा के भीतर चल रहा गतिरोध खुलकर सामने आने लगा है। अखिलेश यादव की 'पीडीए' मुहिम को झटके पर झटका लग रहा है।

पीडीए को महत्व न दिए जाने से पार्टी में फूट

पीडीए के ही नेता पार्टी में पीडीए को महत्व न दिए जाने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। सबसे पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी में भेदभाव का आरोप लगाते हुए 13 फरवरी को त्यागपत्र दिया था। यह त्यागपत्र उसी दिन दिया गया जिस दिन सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों ने नामांकन किया था।

वहीं 13 फरवरी के दिन ही सपा विधायक व अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने राज्यसभा टिकट वितरण में नाराजगी जताते हुए अपना वोट पार्टी के उम्मीदवारों को न देने का ऐलान किया था।

राज्यसभा में प्रत्याशी न बनाए जाने से पल्लवी खफा

पल्लवी राज्यसभा में पिछड़े व अल्पसंख्यक को प्रत्याशी न बनाए जाने से खफा हैं। उन्होंने भी आरोप लगाया कि पार्टी में पीडीए की ही उपेक्षा हो रही है। दो दिन पहले 16 फरवरी को सपा के प्रदेश सचिव कमलाकांत गौतम ने भी पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।

बहरहाल, सपा का मूल वोटर यादव व मुस्लिम ही माना जाता है ऐसे में मुस्लिम समुदाय का खिसकना लोकसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

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