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पूर्व विधायक डॉ. विजय कुमार की जमानत याचिका खारिज, पत्नी से अवैध संबंध के शक में हत्‍या का मामला

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 10:43 PM (IST)
Allahabad High Court Lucknow Bench: 2015 का शिखर हत्याकांड।

लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने वर्ष 2015 में हुए शिखर हत्याकांड मामले में गोरखपुर के बांसगांव से बसपा विधायक रहे डा. विजय कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

आरोप है कि पूर्व विधायक ने अपनी डीआइओएस पत्नी से शिखर श्रीवास्तव के अवैध संबंध होने के शक में इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।

कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में जिक्र किया है कि अभियुक्त के तत्कालीन विधायक व काफी प्रभावशाली होने के कारण मामले की जांच सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई थी, जांच स्थानांतरण के लिए विधान सभा के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्र लिखा था, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने जांच स्थानांतरण का आदेश जारी किया था।

हालांकि बाद में इस आदेश को मृतक के भाई की याचिका पर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त इतना प्रभावशाली है कि उसने जांच को स्थानांतरित करवा लिया और यही नहीं मुख्य अभियुक्त होने के बावजूद घटना के बाद चार साल तक उसकी गिरफ़्तारी भी नहीं की जा सकी।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने डा.विजय कुमार की जमानत याचिका पर पारित किया। मामले में मृतक के पिता ने बाराबंकी के बदोसराय थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए, आरोप लगाया था कि उनके बेटे को नौकरी दिलाने के नाम पर डा. विजय कुमार व उसकी डीआइओएस पत्नी ने रुपये लिए थे, नौकरी न मिलने पर उन्हीं रुपयों को वापस मांगने पर उनके बेटे की हत्या की गई।

हालांकि विवेचना के दौरान अवैध संबंध के शक में हत्या की बात सामने आई थी। अभियोजन के मुताबिक मृतक व मामले में सहअभियुक्त डा. विजय कुमार की डीआइओएस पत्नी के बीच चार महीनों में 198 बार फोन पर बात हुई थी।


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