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Bhagwati Singh: समाजवादी चिंतक स्वर्गीय भगवती सिंह का पार्थिव शरीर कोरोना संक्रमित, अंगदान नहीं अब बैकुंठ धाम में दाह संस्कार

Late Bhagwati Singh Body Corona Infected भगवती सिंह ने अपने जीवन काल में ही मेडिकल कॉलेज को अंगदान किया गया था। कोरोना पॉज‍िट‍िव रिपोर्ट के चलते पार्थिव शरीर का बैकुंठ धाम में कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में दाह संस्कार।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 01:08 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 01:08 PM (IST)
कोरोना पॉज‍िट‍िव रिपोर्ट के चलते भगवती सिंह के पार्थिव शरीर का इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में दाह संस्कार।

लखनऊ, जेएनएन। Late Bhagwati Singh Body Corona Infected:  वरिष्ठ समाजवादी चिंतक व पूर्व मंत्री स्वर्गीय भगवती सिंह के पार्थिव शरीर में कोरोना संक्रमण पाया गया। ज‍िसके बाद सोमवार यानी आज उनके पार्थिव शरीर का बैकुंठ धाम में कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में दाह संस्कार होगा। दरअसल, बीते रविवार को समाजवादी विचारक भगवती सिंह का निधन हुआ। उन्‍होंने शहर की आबोहवा से दूर बीकेटी स्थित चंद्र भानू गुप्ता डिग्री कॉलेज परिसर में अंतिम सांस ली। जि‍सके बाद रिवर बैंक कालोनी स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन को लाया गया। बता दें, भगवती सिंह ने अपने जीवन काल में ही मेडिकल कॉलेज को अंगदान किया गया था। लेकिन पार्थिव शरीर में कोरोना संक्रमण मिलने के चलते अब दाह संस्‍कार किया जा रहा है। 

मोर्चरी में रखा गया था पार्थिव शरीर:  भगवती सिंह के निधन के बाद परिवारजनों ने उनका देह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को दान कर दिया था, लेकिन कोरोना रिपोर्ट नहीं आने तक पार्थिव शरीर मोर्चरी में रखा गया था। केजीएमयू में बॉडी डोनेशन के इंचार्ज डॉ सुरेश पांडेय ने बताया कि कोरोना रिपोर्ट पॉज‍िट‍िव आने के बाद पार्थिव शरीर को परिवारजनों के हवाले कर दिया गया। अब उनका देहदान की जगह कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में दाह संस्कार होगा।

ऐसा रहा सफर : भगवती सिंह ने मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अपना देहदान कर दिया था। उन्होंने चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय की स्थापना की। वर्ष 1977 में पहली बार महोना से विधायक बने और फिर आवास विकास मंत्री बने थे। 1985 में विधायक,1990 में कैबिनेट में खेलकूद युवा कल्याण मंत्री बने। 1990 में सदस्य विधान परिषद व 1993 में वन मंत्री की कुर्सी संभाली। 1998 में फिर से सदस्य विधान परिषद बने और 2003 में बाह्य सहायतित परियोजना मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2004 में राज्यसभा सदस्य बनाए गए, उन्होंने ही बख्शी का तालाब तहसील की स्थापना भी कराई।

शोक संवेदनाओं का तांता : भगवती सिंह के निधन की सूचना फैलते ही शोक संवदेना जताने का सिलसिला तेज हुआ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्प‍ित की। प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी शोक व्यक्त करने भगवती सिंह के निवास पर पहुंचे थे। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे, बौद्धिक सभा संयोजक दीपक मिश्रा, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप व डा. राजपाल कश्यप ने भी श्रद्धासुमन अर्प‍ित किए।


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