आरटीओ ऑफिस के एजेंट सुशील तिवारी की रुपयों के विवाद में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में चार आरोपितों बृज नारायण तिवारी अभिनीत तिवारी आलोक दुबे उर्फ कलेक्टर और राजेंद्र दुबे को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 51-51 हजार रुपये सभी पर अर्थदंड भी लगाया है।
विधि संवाददाता, लखनऊ। रुपयों के विवाद में आरटीओ ऑफिस के एजेंट सुशील तिवारी का अपहरण कर हत्या करने के मामले में चार आरोपितों को कोर्ट ने दोषी करार किया है। मामले में दोषी बृज नारायण तिवारी, अभिनीत तिवारी, आलोक दुबे उर्फ कलेक्टर और राजेंद्र दुबे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा 51-51 हजार रुपये सभी पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
सरकारी अधिवक्ता सतेंद्र कुमार अवस्थी और नवीन त्रिपाठी के मुताबिक 23 अगस्त 2004 की शाम दोनों घर आरटीओ कार्यालय से लौट रहे थे। इस बीच पार्क के पास सूमो सवार दो लोगों ने रोका और कहा कि उनकी गाड़ी का टैक्स सुशील ने जमा नहीं किया।
लूट के बाद हत्या कर जला दिया था शव
इसके बाद दोनों को असलहों के बल पर गाड़ी में बैठा लिया। प्रयागराज के रास्ते मिर्जापुर ले गए। सुशील से 25 हजार रुपये लूटने के बाद हत्या कर शव जला दिया था। फहीम इस बीच मौका पाते ही गाड़ी से कूदकर भाग निकला था। इस मामले में दो रिपोर्ट दर्ज हुई ती। सुशील के ससुर रामसूरत ने एक मुकदमा महानगर कोतवाली में दर्ज कराया था। वहीं, दूसरा फहीम ने मिर्जापुर के लालगंज में दर्ज कराया था।
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