सीबीआइ अफसर बता नौकरी के नाम पर करते थे ठगी, लखनऊ में दो महिलाओं समेत चार गिरफ्तार
युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये हड़पने के आरोप में लखनऊ में दो महिलाओं समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दो फर्जी पहचान पत्र भी मिले हैं। आरोपित संविदा पर पंचायत कोआर्डिनेटर की नौकरी दिलाने के बहाने से लेते थे 70 हजार रुपये।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:32 AM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। खुद को सीबीआइ (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) अफसर बताकर युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये हड़पने के आरोप में कृष्णानगर पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आराेपितों के पास से दो फर्जी पहचान पत्र भी मिले हैं। एडीसीपी मध्य राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपित बेरोजगार युवकों को संविदा पर पंचायत कोआर्डिनेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर प्रति अभ्यर्थी 70 हजार रुपये लेते थे।
एसीपी कृष्णानगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर निवासी प्रशांत दुबे ने मंगलवार को शिकायत की थी। प्रशांत नौकरी की तलाश कर रहा था। इस दौरान उसने इंटरनेट मीडिया पर कुछ पोस्ट डाले थे। इस बीच प्रशांत की मुलाकात अनुराग मौर्य नाम के युवक से हुई। अनुराग ने jobin.lucknow से संपर्क करने को कहा। प्रशांत ने कंपनी की एचआर कविता नयाल से भेंट की। कविता ने बताया कि ग्राम पंचायत विभाग में नौकरी के लिए 70 हजार रुपये लगेंगे। प्रशांत ने झांसे में आकर रुपये दे दिए। इसके बाद ठगों ने आनलाइन परीक्षा का दावा किया और नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। आरोप है कि कविता ने दस्तावेज और रुपये लिए थे। नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ित ने कविता से मुलाकात कर रुपये वापस करने की मांग की। इसपर कविता के साथ मौजूद युवक ने खुद को सीबीआइ का अधिकारी बताते हुए प्रशांत को अदब में ले लिया। प्रशांत को ठगी का एहसास हुआ तो उसने पुलिस से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने प्रेमनगर के राहुल सिंह उर्फ आर्यन, कुशीनगर के मुकेश तिवारी, विनीत खंड की कविता नयाल जोशी और कुशीनगर की प्रिया वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
किसी को बताओगे तो काम नहीं करा पाएंगे : पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह सीबीआइ अधिकारी बनकर युवाओं से रुपये हड़पते थे। आरोपित झांसे में लेने के लिए युवकों से कहते थे कि अगर वे किसी से कुछ बताएंगे तो हम लोग काम नहीं करा पाएंगे। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक एयर पिस्टल भी बरामद किया है, जिसे राहुल और मुकेश लोगों को डराने के लिए साथ लेकर चलते थे। वहीं, दोनों महिलाएं लोगों से फोन पर बात करती थीं। एसीपी का कहना है कि गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। ठगे गए लोगों की भी जानकारी की जा रही है।
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