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Tiger Deaths In UP: दुधवा में बाघों की मौत के मामले में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित, 10 में देगी र‍िपोर्ट

दुधवा टाइगर रिजर्व में बीते 10 दिनों में चार बाघों की मौत या फिर 50 दिनों में पांच बाघों की मौत के बाद सख्‍त हुए सीएम योगी के मंत्री ने पार्क का दौरा क‍िया था। अब इस मामले में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sat, 17 Jun 2023 09:57 AM (IST)
Tiger Deaths In UP: दुधवा में बाघों की मौत के मामले में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित, 10 में देगी र‍िपोर्ट
Tiger Deaths In UP: दुधवा में बाघों की मौत के मामले में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Tiger Deaths In UP दुधवा टाइगर रिजर्व में चार बाघों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद वन विभाग ने चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित कर दी है। यह समिति अवकाश प्राप्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव संजय सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई है।

इसमें भारतीय वन सेवा के एक और अवकाश प्राप्त अफसर व दो जानवरों के डाक्टर शामिल हैं। समिति को बाघों की मौत का कारण पता करने के साथ ही ऐसे सुझाव भी देने हैं जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें। रिपोर्ट देने के लिए समिति को 10 दिन का समय दिया गया है।

दुधवा टाइगर रिजर्व में 21 अप्रैल से नौ जून के मध्य चार बाघों की मौत हो चुकी है। इस मामले का खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर तत्काल वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दूबे को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए थे।

जांच टीम ने दुधवा के फील्ड डायरेक्टर, डीएफओ सहित कई अधिकारियों व कर्मचारियों को हटा दिया था। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच विशेषज्ञों की समिति से कराने के निर्देश भी दिए थे। इसी के बाद विभागाध्यक्ष ममता संजीव दूबे ने शुक्रवार को भारतीय वन सेवा के 1987 बैच के अवकाश प्राप्त अफसर संजय सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी।

उनके साथ 1998 बैच के अवकाश प्राप्त अधिकारी आरके सिंह, लखनऊ चिड़ियाघर के उप निदेशक डा. उत्कर्ष शुक्ला व गोरखपुर के पशु चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह शामिल हैं। जांच टीम को चार बाघों की मौत के कारण के साथ ही वन्य जीवों के बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए अपने सुझाव 10 दिनों में देने हैं।

इन बिंदुओं पर करनी है जांच

  • बाघों के प्राकृतिक वास का नुकसान व विखंडन
  • मानव वन्यजीव संघर्ष
  • बाघों के भोजन व पानी की उपलब्धता
  • बाघों की मौत का पशु चिकित्सीय पहलू
  • कोई अन्य सुझाव