पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में आरोपित आशीष राय की आठ लाख संपत्ति कुर्क की जाएगी। बहुचर्चित ठगी के मामले में पूर्व आईपीएस अरविंद सेन भी आरोपित थे। हजरतगंज कोतवाली से इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी हुई थी। आशीष राय मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में आरोपित आशीष राय की आठ लाख संपत्ति कुर्क की जाएगी। सोमवार देर शाम यह आदेश पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने जारी किया। बहुचर्चित ठगी के मामले में पूर्व आईपीएस अरविंद सेन भी आरोपित थे।
हजरतगंज कोतवाली से इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी हुई थी।
आशीष राय मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला है। आरोपितों ने वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले व्यवसायी मंजीत भाटिया को पशुपालन विभाग में आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने का दावा किया था। करीब 292 करोड़ रुपये के टेंडर के बदले नौ करोड़, 72 लाख रुपये कमीशन ले लिया था।
टेंडर न मिलने पर मंजीत भाटिया ने इसकी शिकायत की तो उसे नाका कोतवाली में ले जाकर पीटा गया था। मंजीत ने उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। जांच में एसटीएफ को लगाया गया था। एसटीएफ की जांच में उक्त लोगों के नाम सामने आए थे। इस प्रकरण में बाराबंकी के असंदरा थाने में तैनात सिपाही दिल बहार भी शामिल था।
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