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एकेटीयू के बैंक खाते से जालसाजों ने उड़ाए 120 करोड़ रुपये, पुलिस ने सात को किया गिरफ्तार, बैंक और विश्वविद्यालय के अफसरों पर भी संदेह

एकेटीयू के बैंक खाते से 120 करोड़ रुपये अहमदाबाद के श्री श्रद्धा एजूकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते में धोखाधड़ी कर ट्रांसफर करा लिए गए। एकेटीयू और यूनियन बैंक अफसरों की मिलीभगत से की गई जालसाजी की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और सात जालसाजों को गिरप्तार करने के साथ ही 119 करोड़ रुपये भी वापस पाने में सफलता मिल गई।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 19 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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एकेटीयू के बैंक खाते से जालसाजों ने उड़ाए 120 करोड़ रुपये

 जागरण संवाददाता, लखनऊ। डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के बैंक खाते से 120 करोड़ रुपये अहमदाबाद के श्री श्रद्धा एजूकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते में धोखाधड़ी कर ट्रांसफर करा लिए गए। एकेटीयू और यूनियन बैंक अफसरों की मिलीभगत से की गई जालसाजी की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और सात जालसाजों को गिरप्तार करने के साथ ही 119 करोड़ रुपये भी वापस पाने में सफलता मिल गई।

इस जालसाजी करने वाले गिरोह का सरगना अनुराग श्रीवास्तव है, जिसने एकेटीयू का अधिकारी और बैंक मैनेजर बनकर खाते में रुपये ट्रांसफर करा लिए। पुलिस को उसकी तलाश है, लेकिन सवाल एकेटीयू और यूनियन बैंक अफसरों की भूमिका पर भी उठ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक यूनियन बैंक आफ इंडिया के पांच अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

फर्जीवाड़े में पुलिस ने इनको किया गिरफ्तार

पुलिस उपायुक्त पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में पुलिस ने सूरत निवासी जोशी देवेंद्र प्रसाद प्रभाशंकर, अहमदाबाद निवासी पटेल उदय, उन्नाव निवासी राजेश बाबू, लखनऊ निवासी गिरीश चंद्र व शैलेंद्र कुमार रघुवंशी, अमेठी के दस्तगीर आलम और बस्ती के कृष्णकांत को गिरफ्तार किया गया है। राजेश भोजपुरी फिल्मों का निर्देशक है।

उन्होंने बताया कि एकेटीयू को 120 करोड़ की एफडी करानी थी और इसी प्रक्रिया के दौरान अनुराग ने खुद को यूनियन बैंक आफ इंडिया का अधिकारी बताकर एकेटीयू के अधिकारियों से मुलाकात की। जिस दिन एफडी के लिए बैंकों की बिड खुली उस दिन भी अनुराग एकेटीयू की कोर टीम के सामने यूनियन बैंक आफ इंडिया की तरफ से मौजूद था।

बैंक से चेकबुक भी जारी करा ली

पांच जून को स्टेट बैंक आफ इंडिया में एकेटीयू के खाते से रुपये यूनियन बैंक आफ इंडिया में ट्रांसफर होने के बाद अनुराग बैंक पहुंचा और खुद को एकेटीयू का वित्त नियंत्रक बताते हुए अफसरों से मिला। उसने एकेटीयू के नाम से फर्जी मेल आइडी बनाई और फर्जी बैंक खाता खुलवा लिया। इसके बाद यूनियन बैंक के खाते से 120 करोड़ की रकम इसी फर्जी खाते में जमा करा दिए। उसने बैंक से चेकबुक भी जारी करा ली।

चेक और ऑनलाइन लेन-देन के माध्यम से एक ही दिन में श्री श्रद्धा एजूकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते (इंडसइंड बैंक) में ट्रांसफर करा लिए। जालसाजी के बाद जागे यूनियन बैंक के अधिकारी बचाव की मुद्रा आए। मुख्य प्रबंधक अनुज कुमार सक्सेना ने साइबर क्राइम थाने में 12 जून को मुकदमा दर्ज कराया।

यूनियन बैंक में विश्वविद्यालय का खाता नहीं

एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बैंक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूनियन बैंक में विश्वविद्यालय का खाता नहीं है। एफडी कराने के लिए पैसे ट्रांसफर हुए थे, इसमें एफडी का खाता खुलना था। एकेटीयू में फाइनेंस कंट्रोलर से लेकर सभी पदाधिकारियों के नाम और अधिकारिक ईमेल वेबसाइट पर सत्यापित करने चाहिए थे। इस बारे में यूनियन बैंक विधानसभा मार्ग ब्रांच के चीफ मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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