Free Gas Cylinder: आधार प्रमाणित उज्ज्वला लाभार्थियों को ही मिलेगा मुफ्त सिलिंडर, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी सिलिंडर पाने के लिए आधार प्रमाणन अनिवार्य है। 1.86 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों में से सिर्फ 1.08 करोड़ का आधार प्रमाणित है। पहले चरण में अक्टूबर से दिसंबर और दूसरे चरण में जनवरी से मार्च 2025 तक दो रिफिल सिलिंडर मुफ्त मिलेंगे। लाभार्थियों को पहले रिफिल सिलिंडर का भुगतान करना होगा फिर सरकार सब्सिडी उनके आधार प्रमाणित बैंक खाते में भेजेगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त एलपीजी सिलिंडर (रिफिल) प्रदान कर रही है, लेकिन इसका लाभ सिर्फ उन्हें ही मिलेगा जिनका आधार बैंक खाते से लिंक और प्रमाणित होगा।
प्रदेश में 1.86 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थी हैं, जिनमें सिर्फ 1.08 करोड़ का आधार प्रमाणित है। योजना के तहत प्रथम चरण में अक्टूबर से दिसंबर और द्वितीय चरण में जनवरी से मार्च-2025 तक लाभार्थियों को दो रिफिल सिलिंडर निश्शुल्क वितरित किए जाएंगे।
लाभार्थियों को पहले करना होगा रिफिल सिलिंडर का भुगतान
आयुक्त खाद्य एवं रसद सौरभ बाबू ने बताया कि लाभार्थियों के आधार प्रमाणन की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है, जैसे-जैसे वे प्रमाणित होते जाएंगे उसी क्रम में लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि लाभार्थियों को पहले रिफिल सिलिंडर का भुगतान करना होगा, जिसके बाद सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी उनके आधार प्रमाणित बैंक खाते में तेल कंपनियां भेजेंगी।तेल कंपनियां इस योजना का प्रचार-प्रसार भी कर रही हैं। लाभार्थियों को टेलीफोन काल, हाकर्स के माध्यम से सूचना दी जा रही है, इसके साथ ही उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस भी भेजे जाएंगे।
दीपावली पर स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की बाजार में बढ़ी मांग
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित हो रहे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा दीपावली के अवसर पर बनाए जा रहे उत्पादों की मांग ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में भी बढ़ रही है।
आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि हजारों समूह सदस्यों द्वारा बाजार की मांग के अनुसार डिजाइनर दीये व मोमबत्तियों के साथ त्योहार से संबंधित उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। उत्पादों के गिफ्ट हैंपर भी बनाए गए हैं, जिनकी मांग लगातार बढ़ रही है।उन्होंने बताया कि समूह के उत्पादों को संग्रहित कर एक काफी टेबल बुक भी तैयार की गई है, जिससे महिला सदस्यों के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। इसके अलावा सभी प्रमुख आनलाइन प्लेटफार्म पर भी उत्पादों को बिक्री के लिए पंजीकृत कराया गया है।
मिशन निदेशक ने बताया कि भारी संख्या में समूहों द्वारा गाय के गोबर से एवं पंचगव्य से गणेश लक्ष्मी की मूर्ति एवं दिए तैयार किया जा रहे हैं, जो कि पूरी तरह से ईको फ्रेंडली है और देखने में खूबसूरत भी।इसे भी पढ़ें: बरेली-वाराणसी एक्सप्रेस में ट्रैक पर रखा लकड़ी का टुकड़ा फंसा, झांसी में एसी कोच में लगी आग
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