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Lucknow University: वर्चुअल टूर से घर बैठे जानेंगे टैगोर लाइब्रेरी की खासियत, होगा बेस्ट शोध पत्रों का कलेक्शन

Lucknow University वर्चुअल टूर के माध्यम से घर बैठे ही टैगोर लाइब्रेरी की खासियत से लेकर वहां पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान सकेंगे। अध्यक्ष प्रो. डीआर साहू ने बताया कि लाइब्रेरी में पुराने व वर्तमान शिक्षकों के बेस्ट शोध पत्रों का कलेक्शन एक साथ पढ़ने को मिलेगा।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 11 Jun 2023 09:18 AM (IST)
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टैगोर लाइब्रेरी को पब्लिक लाइब्रेरी के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक टैगोर लाइब्रेरी को पब्लिक लाइब्रेरी के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। लोग वर्चुअल टूर के माध्यम से घर बैठे ही टैगोर लाइब्रेरी की खासियत से लेकर वहां पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान सकेंगे। इसके लिए म्यूजियम, पेंटिंग, पुरानी पांडुलिपियों से लेकर संग्रह आदि के शार्ट वीडियो बनाकर पोस्ट लिए जाएंगे ताकि लोग इसके प्रति आकर्षित हों।

टैगोर लाइब्रेरी के पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. डीआर साहू ने बताया कि टैगोर लाइब्रेरी ऐतिहासिक है। अभी तक सिर्फ विश्वविद्यालय के शिक्षक व विद्यार्थी ही इसकी सुविधा का लाभ उठाते हैं। इसे पब्लिक लाइब्रेरी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, जिससे सभी आमजन यहां आ सकें।

एक ही जगह मिलेगा बेस्ट शोध पत्रों का कलेक्शन

अध्यक्ष प्रो. डीआर साहू ने बताया कि लाइब्रेरी में पुराने व वर्तमान शिक्षकों के बेस्ट शोध पत्रों का कलेक्शन एक साथ पढ़ने को मिलेगा। इसके लिए सभी शिक्षकों से उनके बेस्ट शोध का विवरण लिया जाएगा।

इसके अलावा प्रो. राधा कमल मुखर्जी से लेकर अन्य प्रसिद्ध समाज शास्त्रियों, वर्तमान शिक्षकों की साहित्य, इतिहास, विज्ञान से जुड़ी दुर्लभ किताबों का संग्रह तैयार कर एक सेक्शन बनाया जाएगा ताकि लोगों को आसानी से पढ़ने को मिले। सभी विभागाध्यक्ष से कहा गया है कि पुरानी पुस्तकों के नाम बताएं। यदि कोई सूची हो तो दें, जो किताबें नहीं होंगी, उन्हें कहीं से मंगवाया जाएगा।

राजभवन ने दी ब्रिटिश काल की पेंटिंग

राजभवन से कला एवं शिल्प महाविद्यालय के माध्यम से टैगोर लाइब्रेरी को ब्रिटिश काल की 24 पेंटिंग दी हैं। इन पेंटिंग को इंटेक संस्था के माध्यम से ठीक करा कर लाइब्रेरी में लगाया जाएगा।

किताबों के बारे में ऑनलाइन पूछ सकेंगे

लवि की वेबसाइट पर छात्र-छात्राओं के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे वह अपनी जरूरत की किताब होने की जानकारी ले सकेंगे। वह अपना जो मैसेज भेजेंगे, लाइब्रेरी प्रशासन उसका जवाब देगा। विद्यार्थी अपने सुझाव व समस्या भी बता सकेंगे। लाइब्रेरी का विस्तृत डेटा भी वेबसाइट पर अपलोड होगा।

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