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Fatehgarh Jail: उत्तर प्रदेश की एक जेल में मिलता है फाइव स्टार रेटिंग वाला भोजन, FSSAI से मिला प्रमाण पत्र

FSSAI Five Star Rating for Meal in Jail जेल में रोज करीब 1100 लोगों के लिए दोनों शिफ्ट में भोजन बनता है। यहां पर पहले रोटी सब्जी दाल आदि बनाने में कैदियों की मदद ली जाती थी और मैनुअली होने की वजह से इसमें काफी समय लगता था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2022 11:10 AM (IST)
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Five Star FSSI Rating for Jail Ka Khana:
लखनऊ, जेएनएन। Five Star FSSAI Rating For Jail Ka Khana: किसी भी जेल में अगर खाने के स्तर की बात आती है तो फिल्मों के सीन सामने आने लगते हैं। कहीं पर जली रोटी तो कहीं पानी में दाल, लेकिन अब समय बदल गया है। उत्तर प्रदेश में तो एक जेल ऐसी भी है, जहां के भोजन की क्वालिटी को एफएसएसआइ ने फाइव स्टार की रेटिंग दी है। एफएसएसएआई (FSSAI) यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल (Fatehgarh Jail) को भोजन की गुणवत्ता के मामले में फाइव स्टार की रैंकिंग दी है। इस तरह से फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ जेल यह उपलब्धि हासल करने वाली यूपी की पहली जेल बन गई है।

फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के भोजन की गुणवत्ता को जांचने के बाद एफएसएसएआई यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने फाइव स्टार की रैंकिंग दी है। इस जेल में सभी कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को अव्वल दर्जे की बताया गया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की चयनित जेल की इस रसोई में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन, रखर-खाव, किचन, फूड स्टोरेज, पेयजल संसाधन की जांच की जाती है। यह जेल उत्तर प्रदेश की पहली भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण से प्रमाणित जेल है। एफएसएसएआइ (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) की ओर से फाइव स्टार रेटिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर डीजी जेल आनंद कुमार ने भी अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है।

मशीन से गूंथा जाता है आटा और बनती हैं रोटियां

जेल में रोज करीब 1100 लोगों के लिए दोनों शिफ्ट में भोजन बनता है। यहां पर इससे पहले तक रोटी, सब्जी, दाल आदि बनाने में कैदियों की मदद ली जाती थी और मैनुअली होने की वजह से इसमें काफी समय लगता था। लंच के बाद डिनर तैयार करने में यहां पर करीब पचास कैदियों को जुटना पड़ता था। अब रसोई को आधुनिक कर दिया गया है। आधुनिक मशीनें लग गई हैं। इनमें हाथ के बजाय अब मशीनों से खाना तैयार हो रहा है। यहां रोटी बनाने के लिए दो बड़ी रोटी मेकर मशीनें लगी हैं। आटा गूंथने की मशीन अलग लगाई गई है। सब्जी को कटर से काटा जाता है। मशीनों के इस्तेमाल से करीब 50 प्रतिशत समय कम हो गया है। मशीनों के इस्तेमाल से साफ-सुथरा खाना कैदियों को मुहैया हो रहा है।

दो-तीन वर्ष में काफी कुछ बदला

यही वजह है कि बंदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने और खाद्य सामग्रियों के बेहतर रख-रखाव के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने प्रमाण पत्र प्रदान किया है, जिसमें फाइव स्टार रेटिंग है। फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बीते दो-तीन वर्ष में काफी बदलाव किया गया है। देश में कोरोना संक्रमण काल में इस जेल में नई रसोई का निर्माण कराया गया।

छह घंटे में तैयार होता है 1100 लोगों का भोजन

जेल अफसरों का कहना है कि इतने लोगों का भोजन तैयार करने में करीब छह घंटे लगता है। समय पर खाना तैयार करने के लिए सुबह चार बजे से इसका काम शुरू करा दिया जाता था। 11 बजे तक खाना बनता है। शाम की पाली का खाना दोपहर तीन बजे से बनना आरंभ हो जाता है।

दोनों टाइम समय से मिलता है भोजन

जिला जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद ने बताया कि बंदियों को सुबह नाश्ता नौ बजे तक तथा दोपहर का खाना 12 तक दिया जाता है। शाम का खाना 6 बजे तक दिया जाता है। अधीक्षक बीएस मुकुंद ने बताया कि यह गौरव की बात है कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ इसी जेल को अभी तक फाइव स्टार प्रमाण रेटिंग मिली है। उन्होंने पाकशाला की व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए जेलर अखिलेश कुमार, उप जेलर शैलेश सोनकर, अखिलेश मिश्रा को भी बधाई दी। भोजनालय ड्यूटी में तैनात सुकेंद्र कुमार तोमर को भी जेल अधीक्षक ने इस उपलब्धि पर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। सोमवार को जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद को इस आशय का प्रमाण पत्र सौंपा था।

पीएम मोदी से भी सराहा था जेल अधीक्षक बाल मुकुंद के प्रयास को

फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक बाल मुकुंद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी सराहना मिल चुकी है। उनकी कौशांबी जिला जेल में तैनाती के दौरान गायों के लिए बंदियों के कोट बनवाने के प्रयास को पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने रेडियो के कार्यक्रम मन की बात में काफी सराहा था। 

बंद है कुख्तार राजन तिवारी और सुनील राठी

फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में इन दिनों बेहद ही कुख्यात अपराधी बंद है। यहां पर पहरा सदैव बेहद सख्त रहता है। बीते दिनों यहां पर श्रीप्रकाश शुक्ला का बेहद करीबी पूर्व विधायक राजन तिवारी को शिफ्ट किया गया है। मूल रूप से गोरखपुर के गगहा थाना एरिया के सोहगौरा गांव निवासी राजन तिवारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश और बिहार में 40 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। बिहार में पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज से दो बार विधायक रहे वाले राजन तिवारी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ली थी।

राजन तिवारी के साथ ही बागपत जेल में करीब तीन वर्ष पहले मुन्ना बजरंगी की हत्या करने का सुनील राठी भी यहीं पर बंद है। इतना ही नहीं धनंजय सिंह तथा विजय मिश्रा भी यहां बंद थे।

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