Gadar 2 के स्टार उत्कर्ष बोले- सीक्वल चाहे जितने वर्ष बाद आए, कहानी अच्छी होगी तो लोग फिल्म जरूर देखेंगे
गदर-2 के अभिनेता उत्कर्ष शर्मा व सिमरत कौर दैनिक जागरण कार्यालय में पहुंचे। उत्कर्ष ने सिनेमा के बदलते परिदृश्य पर बातों के साथ ही अभिनय के अनुभव साझा किए। उत्कर्ष ने कहा कि गदर राम-सीता की कहानी से प्रेरित थी। गदर-2 अर्जुन-अभिमन्यु से प्रेरित है। जब अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंसे थे उस वक्त अर्जुन आ जाते तो क्या होता? कुछ इसी आधार पर गदर-2 की कहानी बुनी गई।
लखनऊ [महेन्द्र पाण्डेय]। किसी फिल्म का सीक्वल (अगला भाग) चाहे जितने वर्ष बाद बनाया जाए, अगर उसकी कहानी अच्छी है तो दर्शक उसे जरूर देखेंगे। गदर को ही देखिए। 22 वर्षों बाद गदर-2 बनाई गई। इसके बाद भी दर्शक इससे जुड़े और फिल्म ने कमाई का रिकार्ड बनाया। गदर-2 के अभिनेता उत्कर्ष शर्मा भी इससे सहमत हैं। उन्होंने इसकी तुलना हालीवुड फिल्म टाप गन से करते हुए कहा कि यह मेरे पैदा होने से पहले ही आई थी। 30 साल बाद उसका दूसरा भाग बना तो भी उसे खूब दर्शक मिले।
दैनिक जागरण कार्यालय में गुरुवार को गदर-2 के निर्देशक अनिल शर्मा के पुत्र व अभिनेता उत्कर्ष शर्मा और अभिनेत्री सिमरत कौर ने सिनेमा से इतर भी बहुत बातें कीं। उत्कर्ष ने कहा कि गदर राम-सीता की कहानी से प्रेरित थी। गदर-2 अर्जुन-अभिमन्यु से प्रेरित है। जब अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंसे थे, उस वक्त अर्जुन आ जाते तो क्या होता? कुछ इसी आधार पर गदर-2 की कहानी बुनी गई। अगर गदर-2 आने में इतना वक्त लगा तो गदर-3 आने में कितना समय लगेगा? इस पर उत्कर्ष ने कहा कि जल्द आ सकती है, लेकिन यह कब तक होगा, मैं इतना ही कहूंगा कि अच्छी चीजों को समय देना चाहिए।
गदर में काम करने के बाद भी आप अभिनेता नहीं बनना चाहते थे, फिर अभिनय में दिलचस्पी कैसे आई?
इस प्रश्न पर उत्कर्ष बोले, जब मैंने गदर की थी तब बहुत छोटा था। माता-पिता पढ़ाई पर फोकस करना चाहते थे। फिर कुछ ऐसा हुआ कि मैं थिएटर से जुड़ा और फिर अभिनय की दुनिया में आ गया।
कोई किरदार है जो आपने सोच रखा हो कि उसे जरूर निभाएंगे?
उत्कर्ष बोले, मैं किरदार पर नहीं कहानियों पर फोकस करता हूं। कहानी अच्छी होगी तो किरदार बेहतर मिल ही जाएगा, फिर भी मैं अमर चित्रकथा, महाभारत के कुछ पात्रों पर अभिनय करना चाहता हूं। आपने कुछ मास्टर क्लासेज भी की हैं।
गायन या किसी अन्य विधा में भी खुद को आजमाना चाहते हैं?
मैं गायक तो नहीं हूं, लेकिन मेरी बहन म्यूजिक करती है। गदर-2 में भी सबने उसे सुना है। गदर व गदर-2 में आप सनी देओल के पुत्र किरदार में हैं और आपके पिता इस फिल्म के निर्देशक हैं। वास्तविक और आभासी जीवन में पिता पुत्र का अनुभव कैसा है? उत्कर्ष ने कहा, सनी सर का कोई जवाब नहीं है, लेकिन मेरे पिता सेट पर तो निर्देशक होते ही हैं घर पर भी वह उसी रूप में होते हैं। सेट पर मेरा एक दायरा है। अभिनय के अलावा भी काम करना होता है।
आप लेखन में भी रुचि रखते हैं?
इस प्रश्न पर शर्मा बोले- वैसे तो नहीं, लेकिन गदर-2 की शूटिंग के दौरान थोड़ी बहुत टिप्पणी दी थी।
फिल्म सिटी बनने से बढ़ेगा शूटिंग का दायरा
22 साल पहले और आज के लखनऊ में कितना बदलाव पाते हैं? इस प्रश्न पर उत्कर्ष ने कहा- शहर काफी बदल गया है। साफ-सफाई काफी अच्छी है। जब यूपी में फिल्म सिटी बन जाएगी तो यहां शूटिंग का भी दायरा बढ़ जाएगा। लखनऊ में तो वैसे भी शूटिंग लोकेशन बहुत हैं। गदर-2 भारत-पाकिस्तान से जुड़ी है। अब पाकिस्तान से आई सीमा पर भी फिल्म बनाने की तैयारी की जा रही है? इसे किस तरह देखते हैं? सीमा पर फिल्म बनाने की जानकारी नहीं है। वैसे ये इंटेलीजेंस का काम है कि वह देखे कि लोग कैसे बाहर से आ जाते हैं।
तभी तक सिनेमा जब तक है सिंगल स्क्रीन
मल्टीप्लेक्स के जमाने में सिंगल स्क्रीन के सिनेमा को किस नजरिए से देखते हैं? इस प्रश्न पर उत्कर्ष ने कहा कि सिंगल स्क्रीन ही सिनेमा की नब्ज है। सिनेमा तभी तक जिंदा है जब तक सिंगल स्क्रीन है। हालीवुड में एआइ (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) प्रवेश कर चुका है। बालीवुड में भी यह है? इस सवाल पर उत्कर्ष ने कहा कि हम एआइ पहले से उपयोग कर रहे हैं। प्रोडक्शन, परिधान और लाइटिंग के काम उससे करते हैं। एआइ से आप सौ चीजें बनवा सकते हैं, लेकिन उससे गुणवत्ता हासिल नहीं कर सकते।
गदर-2 के लिए सीखी उर्दू और कथक
जब आपको कास्ट किया गया तो अपने किरदार पर कितनी मेहनत करनी पड़ी? इस प्रश्न पर सिमरत कौर ने कहा कि मैंने एक महीने कथक सीखा था। ताकि मुझमें उस दौर की लड़की की तरह चलने का अंदाज आ जाए। इसके साथ ही थोड़ी उर्दू भी सीखी। इसमें उत्कर्ष ने भी मेरी मदद की। प्रश्न हुआ कि पहली फिल्म सुपरहिट थी। आगे क्या योजना है? मैं नया चेहरा हूं। मेरी गदर में भी कोई योजना नहीं थी। मैंने सब भगवान पर छोड़ दिया है, जो होगा अच्छा होगा। अक्सर होता है कि जब कोई फिल्म हिट हो जाती है, तो एक्टर अगली फिल्म चुनने में वक्त लगाते हैं। आप आगे कैसे करेंगी? इस पर सिमरत ने कहा, मैं जरूर वैसा ही करूंगी, लेकिन कहानी अच्छी मिली तो अवश्य सोचूंगी।