महाकुंभ से पहले पूरा होगा गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण, मेरठ सहित 12 जिलों को प्रयागराज से जोड़ने की तैयारी
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का एक महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो मेरठ सहित 12 जिलों को प्रयागराज से जोड़ेगा। 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के बनने से यात्रा की अवधि कम होगी और लाखों लोगों को प्रयागराज पहुंचने में आसानी होगी। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने यूपीडा के अधिकारियों को गंगा एक्सप्रेस के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अगले वर्ष प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अधिकारियों को गंगा एक्सप्रेस के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के शेष बचे 1.5 प्रतिशत कार्य को जल्द पूरा कर दिसंबर से पहले उद्घाटन कराने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को पर्यटन भवन में उन्होंने यूपीडा के विकास कार्यों की समीक्षा की और कहा कि मेरठ सहित 12 जिलों को प्रयागराज से जोड़ने और यात्रा की अवधि कम करने के लिए ही 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है। इससे महाकुंभ - 2025 के दौरान लाखों लोगों को प्रयागराज पहुंचने में आसानी रहेगी।
एक्सप्रेसवे का कार्य 30 अक्टूबर तक पूर्ण करने के निर्देश
उन्होंने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का कार्य 30 अक्टूबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। औद्योगिक विकास मंत्री ने गाजीपुर से मांझीघाट तक 131 किलोमीटर लंबी ग्रीन फील्ड परियोजना एनएच 31 की प्रगति की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के लिए 822.05 हेक्टेयर भूमि के सापेक्ष 744 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण एवं क्रय करने का कार्य पूर्ण हो चुका है।उन्होंने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 28 जिलों में 29 स्थलों पर औद्योगिक कारिडोर विकसित किए जाने के लिए 12,000 एकड़ के भूमि क्रय किए जाने का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। अभी तक 8,000 एकड़ भूमि क्रय की जा चुकी है।
कितने रुपयों का हुआ निवेश?
यूपीडा के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कारिडोर के सभी छह नोड में 1,649 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है। जिसमें से 1,301 हेक्टेयर भूमि कंपनियों को आवंटित की जा चुकी है। अभी तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। पांच प्लांटों से उत्पाद भी शुरू हो गया है। कानपुर नोड में इजराइल की कंपनियां निवेश के लिए आ रही हैं। उन्होंने एक्सप्रेसवे पर चलने वाले सभी वाहन तथा एंबुलेंस, जीपीसी की सुविधा युक्त कैटल कैचर क्रेन की लाइव लोकेशन यूपीडा के मुख्यालय में स्थित बोर्ड रूम में दिखाए जाने जाने के निर्देश दिए।ये भी पढे़ं - मीरापुर विधानसभा सीट को लेकर गरमाई सियासत, सपा ने कर डाली रिटर्निंग अधिकारी को हटाने की मांग; वजह भी बताई
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