गौरी हत्याकांड : एसटीएफ की पांच टीमें जांच में जुटीं
राजधानी लखनऊ में रविवार को विधि की छात्रा गौरी श्रीवास्तव की नृंशस हत्या के बाद से रोज हो रहे प्रदर्शन तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आंख तरेरने के बाद से उत्तर प्रदेश का पुलिस विभाग काफी सक्रिय हो गया है। पीजीआइ इलाके में बेरहमी से टुकड़ों-टुकड़ों में काटी गयी विधि
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 07 Feb 2015 12:14 PM (IST)
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में रविवार को विधि की छात्रा गौरी श्रीवास्तव की नृंशस हत्या के बाद से रोज हो रहे प्रदर्शन तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आंख तरेरने के बाद से उत्तर प्रदेश का पुलिस विभाग काफी सक्रिय हो गया है। पीजीआइ इलाके में बेरहमी से टुकड़ों-टुकड़ों में काटी गयी विधि छात्रा गौरी श्रीवास्तव के हत्यारों की गिरफ्तारी को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पूरी ताकत झोंक दी है। एसटीएफ की पांच टीमों को अब मामले की जांच में लगा दिया गया है।
लखनऊ पुलिस की संवेदनहीनता और नाकामी के बाद एसटीएफ को इस मामले के राजफाश की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। आइजी एसटीएफ सुजीत पाण्डेय ने छह टीमों के साथ घटनास्थल से लेकर अमीनाबाद और अन्य कई ठिकानों पर जाकर नये सिरे से जांच पड़ताल शुरू की। अमीनाबाद कोतवाली में कल गौरी की तीन सहेलियों व एक रिश्तेदार युवती से गहनता से पूछताछ की गई। इसके अलावा एसएसपी व अन्य पुलिस अधिकारियों ने आरटीओ आफिस पहुंचकर संदिग्ध युवक की बाइक के नंबर की पड़ताल की। पुलिस शक के आधार पर कई पंजीयन नंबरों की छानबीन कर रही है। गौरी हत्याकांड को लेकर लखनऊ पुलिस की खूब किरकिरी हुई। सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार डीएम और एसएसपी को तलब कर नाराजगी जताई। शासन व पुलिस उच्चाधिकारियोंको अविलंब राजफाश के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद अब इस हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ को दी गई है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश ने बताया एसटीएफ की पांच टीमें इस दिशा में कार्य कर रही हैं। इनमें एएसपी जयप्रकाश यादव, डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी, एस आनन्द और शहाब रसीद खां की टीमें हैं। आइजी एसटीएफ ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की और वैज्ञानिक ढंग से साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए। टेलीफोन, मोबाइल, सीसीटीवी फुटेज और मोटरसाइकिल के नंबरों की पड़ताल शुरू कर दी। घटनास्थल और अन्य स्थल से मिले साक्ष्य- सूचनाओं को लेकर शाम पांच बजे एसटीएफ मुख्यालय पर भी बैठक हुई। बैठक के बाद ही सभी टीमें तेज हो गयी। पुलिस की संवेदनहीनता की जांच डीआइजी को
गौरी के लापता होने के बाद परिवार के 100 नंबर पर सूचना व अमीनाबाद थाने में शिकायत करने के बाद अभी तक अपेक्षित कार्रवाई न होने और पुलिस के खराब व्यवहार की जांच डीआइजी लखनऊ को दी गयी है। पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश ने बताया आधुनिक नियंत्रण कक्ष में सभी रिकार्ड रहते हैं। इस बात की जांच होगी कि कब शिकायत हुई और कब उसका रिस्पांस मिला। इसका ब्योरा नियंत्रण कक्ष के एएसपी से मांगा गया है। अमीनाबाद थाना प्रभारी के व्यवहार की भी जांच की जा रही है।
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