Ghosi By Election: घोसी उपचुनाव में सपा ने आयोग से की दो दर्जन शिकायतें, पुलिस-प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप
मऊ की घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में मंगलवार को मतदान के दौरान सपा ने भारत निर्वाचन आयोग में करीब दो दर्जन शिकायतें की। ज्यादातर शिकायतें मतदाताओं के वोट न डाल पाने को लेकर हैं। सपा ने भाजपा सरकार पर पुलिस व प्रशासन के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव से सीख लेते हुए सपा ने घोसी उपचुनाव में पूरी तैयारी की थी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो: मऊ की घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में मंगलवार को मतदान के दौरान सपा ने भारत निर्वाचन आयोग में करीब दो दर्जन शिकायतें की। ज्यादातर शिकायतें मतदाताओं के वोट न डाल पाने को लेकर हैं। सपा ने भाजपा सरकार पर पुलिस व प्रशासन के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया।
आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव से सीख लेते हुए सपा ने घोसी उपचुनाव में पूरी तैयारी की थी। मतदान के दौरान यदि कहीं से भी मतदाताओं को वोट डालने में दिक्कत आई तो तत्काल इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग से की गई।
पूर्व राज्यसभा सदस्य व पूर्व एमएलसी अरविन्द कुमार सिंह पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मतदान के दौरान डटे रहे। घोसी से आने वाली हर छोटी-बड़ी शिकायत को तत्काल भारत निर्वाचन आयोग को भेजा। मतदान शुरू होने के बाद पहले तीन घंटे में सपा ने एक दर्जन शिकायतें चुनाव आयोग को भेज दी थीं।
मतदाताओं को मतदान से रोका गया: सपा
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि उपचुनाव में हार देखकर हताश भाजपा सरकार ने प्रशासन व पुलिस का खूब दुरुपयोग किया। सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अराजकता पर उतर आया था। वे भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही यह आशंका जता चुके थे कि भाजपा सपा के खिलाफ हर हथकंडे अपनाएगी। मतदाताओं को मतदान से रोका गया। मतदाताओं के अधिकारों को छीना गया।
सपा ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक और पिछड़ों का वोट पड़ने से रोकने के लिए भाजपा के पदाधिकारी और पुलिस ने मिलकर काम किया है। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वोट डालने जा रहे मतदाताओं को पीटकर पुलिस ने भगा दिया।
सपा समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित मतदाताओं को डराने धमकाने के साथ उनके घरों की बिजली काटने का काम भी किया गया। मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि चुनाव से पहले भी कई शिकायतें चुनाव आयोग से की गईं, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।