UPPCL: बिजली महंगी करने की तैयारी कर रही सरकार! नए कानून का विरोध शुरू, पावर कॉरपोरेशन ने 2 वर्ष का मांगा समय
यूपी में बिजली के लिए बनाए जा रहे नए कानून का विरोध शुरू हो गया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रस्तावित कानून के तहत केंद्र सरकार निजी घरानों को महंगी बिजली बेचने का अधिकार देना चाहती है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता परिषद पावर कारपोरेशन व यूपीएसएलडीसी ने पहली बार एक साथ प्रस्तावित कानून का विरोध किया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के परामर्श पर बिजली की उपलब्धता और आपूर्ति को लेकर तैयार किए जा रहे संसाधन पर्याप्तता नियोजन ढांचे (रिसोर्स एडेक्वेसी फ्रेमवर्क) के प्रस्तावित कानून का उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया है। इस संदर्भ में विद्युत नियामक आयोग में बुधवार को हुई सार्वजनिक सुनवाई में पावर कारपोरेशन ने इस कानून को लागू करने में बिजली महंगी होने का हवाला देकर दो वर्ष का समय मांगा है।
क्या बोले परिषद के अध्यक्ष?
इस बारे में परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रस्तावित कानून के तहत केंद्र सरकार निजी घरानों को महंगी बिजली बेचने का अधिकार देना चाहती है। उपभोक्ता परिषद इसका हर स्तर पर विरोध करेगा। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता परिषद, पावर कारपोरेशन व यूपीएसएलडीसी ने पहली बार एक साथ प्रस्तावित कानून का विरोध किया है।उन्होंने बताया कि देश में बिजली की कुल स्थापित क्षमता लगभग 4.41 लाख मेगावाट है, जबकि आवश्यकता 2.27 लाख मेगावाट है। सरकार निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह कानून लाना चाहती है। इसके तहत एक वर्ष पहले ही बिजली की आवश्यकता का आंकलन करके कंपनियों के साथ बिजली लेने संबंधी करार करना होगा।
अगर किन्हीं कारणों से बिजली की मांग नहीं बढ़ी तो भी करार के हिसाब से तय दरों पर बिजली लेनी होगी। इसका खामियाजा महंगी बिजली के रूप में उपभोक्ताओं को भुगतना होगा। इस मामले को लेकर पुणे में सितंबर माह में अगली सुनवाई होगी। विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई सार्वजनिक सुनवाई में आयोग के सदस्य संजय कुमार सिंह भी मौजूद थे।ये भी पढ़ें -
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