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'सरकार UCC पर काम रोक दे नहीं तो मुहर्रम के बाद आर-पार…', शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का यूसीसी को लेकर अल्टीमेटम

शिया पीजी कालेज विक्टोरिया स्ट्रीट नक्खास में बुधवार को कार्यकारिणी की अध्यक्षता करते हुए मौलाना सैयद साएम मेहंदी ने यूसीसी को लेकर केंद्र सरकार से अनुरोध किया है। कहा है कि सरकार यूसीसी बनाने की प्रक्रिया को राेक दे। पहली जुलाई से भारतीय न्याय संहिता प्रभावी होने के बाद समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू होने की सुगबुगाहट तेज है।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Published: Wed, 03 Jul 2024 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 06:27 PM (IST)
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक यूसीसी को लेकर फैसला

जागरण संवाददाता, लखनऊ। पहली जुलाई से भारतीय न्याय संहिता प्रभावी होने के बाद समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू होने की सुगबुगाहट तेज है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि समान नागरिक संहिता किसी दशा में स्वीकार नहीं है।

उनकी कौम देश के कानून से नहीं चलेगी, बल्कि शरीयत कानून को ही मानेगी। सरकार यूसीसी बनाने की प्रक्रिया को राेक दे। अल्टीमेटम दिया कि अनुरोध नहीं माना तो मोहर्रम के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

शिया पीजी कालेज विक्टोरिया स्ट्रीट नक्खास में बुधवार को कार्यकारिणी की अध्यक्षता करते हुए मौलाना सैयद साएम मेहंदी ने कहा कि यूसीसी को लेकर दो साल से केंद्र सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि इस दिशा में न बढ़ा जाये, शिया कौम का कानून शरीयत है, सभी उसे मानते हैं और आगे भी मानते रहेंगे। कोई शिया कचहरी या थाना में न जाये ये संभव नहीं है, तब ऐसे कानून को लाया ही क्यों जाए।

यूसीसी के लागू होने से देश में कायम नहीं रह सकता अमन-चैन

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी को विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल के पास भेजा है, ये सिर्फ इसीलिए हुआ ताकि शिया कौम सरकार की खुशामद करें। इसके लागू होने से देश में अमन-चैन कायम नहीं रह सकेगा।

सैयद मेहंदी ने कहा कि आठ जुलाई से मोहर्रम शुरू हो रहा है। इसी दौरान कांवड़ यात्रा भी निकलेगी, शिया कौम को इस यात्रा से दिक्कत नहीं है, प्रदेश सरकार कांवड़ियों को सुविधाएं भी दे रही है।

मुहर्रम में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम के लिए सीएम से अपील

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील है कि मोहर्रम में जहां ताजिये रखे या उठाये जाते हैं, जहां मजलिसे होती हैं या जुलूस निकलते हैं वहां सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किये जाएं ताकि पूरे अमन तरीके से जुलूस निकल सकें।

बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि यूसीसी से हमारे अधिकारों व पर्सनल लॉ पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। केंद्र सरकार सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास का नारा लगाती है इसको ध्यान में रखकर कानून पर फिर से विचार करके इसे लागू न कराया जाए।

मोहर्रम पर बेहतर इंतजाम करने के लिए बोर्ड की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी को पत्र भेजा गया है। साथ ही हुसैनाबाद ट्रस्ट की जर्जर इमारतों की मरम्मत कराई जाए।

यूसीसी को डरकर मानने वाले नहीं- मौलाना जाफर

मौलाना जाफर अब्बास ने कहा कि UCC को डरकर मानने वाले नहीं हैं, हमारी कौम ने जालिमों के खिलाफ लंबे समय तक संघर्ष किया है, अब फिर मुकाबला करने को तैयार हैं। अब कौम को इतना मजबूत करना होगा कि कोई अदालत में न जाये। बोले, वे दूसरों की बैसाखी पर नहीं अपने शरीयत के हिसाब से चलेंगे।

बोर्ड बैठक में उपाध्यक्ष मौलाना जाहिद अहमद रिजवी, डा. मोहम्मद रजा, मौलाना रजा अब्बास, मौलाना एजाज अतहर, मौलाना हसनी मीरापुरी समेत कार्यकारिणी के पदाधिकारी मौजूद थे।

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