यूपी में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए गाइडलाइन जारी, पढ़ाया जाएगा ये जरूरी पाठ
UP News परिषदीय प्री-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों को घर में बच्चों से अच्छा व्यवहार करने व सकारात्मक माहौल बनाए रखने के तौर-तरीके बताए जाएंगे। अभिभावकों का सक्रिय सहयोग लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता का भी पाठ पढ़ाया जाएगा। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम के लिए गाइडलाइन जारी की गई हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्री-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों को घर में बच्चों से अच्छा व्यवहार करने व सकारात्मक माहौल बनाए रखने के तौर-तरीके बताए जाएंगे। अभिभावकों का सक्रिय सहयोग लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता का भी पाठ पढ़ाया जाएगा। घर पर अभिभावक उनकी किस तरह देखभाल करें इसके लिए माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। बचपन से ही उन्हें अच्छा नागरिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम के लिए गाइडलाइन जारी की गई हैं। बच्चे घर में ज्यादा समय अपनी माता के साथ ही बिताते हैं, ऐसे में सबसे पहले उन्हें ही बेहतर देखभाल करने की शिक्षा दी जाएगी।उन्हें शिक्षक बताएंगे कि वह अपने बच्चे की किसी दूसरे बच्चे से तुलना न करें, बार-बार निंदा न करें और उसे डांटे नहीं, बच्चों की छोटी-छोटी उपलब्धियों पर उनकी तारीफ करें और प्रोत्साहित करें, बच्चों की बातों को धैर्य पूर्वक सुनें, सकारात्मक अनुशासन के तहत प्यार व समझ के साथ अच्छे व खराब का अंतर समझाएं, उन्हें पूरा समय दें और खेल में उनके साथ हिस्सा लें, मोबाइल व टीवी का नियंत्रित उपयोग करने दें और दिनचर्या को सही बनाया जाए।
सभी स्कूलों में आयोजित किया जाएगा कार्यक्रम
सभी स्कूलों में माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम इसी महीने आयोजित किया जाएगा। वहीं अभिभावक-शिक्षक बैठक में बच्चों के पिता आमंत्रित किए जाएंगे और उन्हें भी जिम्मेदारी दी जाएगी।दरअसल सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे तमाम बच्चों के अभिभावक उन्हें विद्यालय से दिया गया गृहकार्य तक पूरा नहीं कराते, यही नहीं उन्हें घर में अनुशासित नहीं रखते जिसके कारण वह आए दिन विद्यालय से गोल रहते हैं। ऐसे में अब अच्छे व्यवहार का ककहरा सिखाया जाएगा।
डिजिटल माध्यम से पढ़ाई करा रहे शिक्षक होंगे पुरस्कृत
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाई कराने को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे शिक्षक जो ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करा रहे हैं, छात्रों का पंजीकरण व उनकी नियमित उपस्थिति आनलाइन दर्ज कर रहे हैं, सूचनाओं का आदान-प्रदान व विद्यालय प्रबंधन में डिजिटल माध्यम का अधिक से अधिक प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसे अध्यापकों को इन्फार्मेशन-कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) पुरस्कार दिया जाएगा।
आइसीटी प्रतियोगिता दिसंबर में आयोजित कराए जाने की तैयारी की जा रही है।राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से सभी जिलों से 30 नवंबर तक सर्वश्रेष्ठ दो-दो शिक्षकों के नाम राज्य स्तरीय आइसीटी प्रतियोगिता के लिए मांगे गए हैं। एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डा. पवन कुमार की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर जिला स्तर पर पारदर्शी चयन के माध्यम से राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए शिक्षकों के नाम भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
विद्यालयों में रोचक ढंग से विद्यार्थियों को पढ़ाई कराने पर जोर दिया जा रहा है। विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित किये गए हैं। इनका अधिक से अधिक प्रयोग किया जाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रतियोगिता के विजेता शिक्षक अपने जिलों में दूसरे शिक्षकों को भी डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए प्रेरित करेंगे और उन्हें प्रशिक्षण भी देंगे।यह भी पढ़ें: UP News: परिषदीय स्कूलों की सवा लाख छात्राएं वित्तीय साक्षरता में होंगी दक्ष, मिशन शक्ति के तहत दिया जाएगा प्रशिक्षण
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।