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Halal Ban: इन चीजों पर दिया जा रहा हलाल सर्टिफिकेट, योगी सरकार ने लगाया बैन; पकड़े जाने पर इस धारा के तहत होगी कार्रवाई

Halal Ban in UP - औषधियों चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री व सौंदर्य प्रसाधन की लेबलिंग संगत नियमों में निर्धारित प्रावधान के अनुसार न करने लेबल पर गलत व भ्रामक तथ्य छापने की दशा में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम वर्ष 1940 की धारा-17 और धारा-17 सी के अंतर्गत मिथ्याछाप की श्रेणी में आता है। यह अर्थदंड व दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 18 Nov 2023 11:27 PM (IST)
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Halal Ban: इन चीजों पर दिया जा रहा हलाल सर्टिफिकेट, योगी सरकार ने लगाया बैन।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। दवाओं व सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों के साथ-साथ हलाल सर्टिफाइड डेयरी उत्पादों, चीनी, बेकरी उत्पाद, पिपरमिंट ऑयल, नमकीन और खाद्य तेल इत्यादि के लेबल पर अवैध ढंग से हलाल प्रमाणन किया जा रहा है। 

खाद्य पदार्थों के संबंधन में वर्ष 2005 में आठ खाद्य विधियों को निरसित करते हुए समेकित खाद्य विधि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-वर्ष 2005 प्रतिपादित हुई, जिसके अंतर्गत खाद्य पदार्थों के लिए शीर्षस्थ संस्था भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा मानक का निर्धारण किया गया है। 

वहीं, इसके समानांतर व्यवस्था किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में हलाल प्रमाणन पर बिक्री पर रोक लगाई गई है। यह अर्थदंड व दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

धारा-17 और धारा-17 सी के तहत होगी कार्रवाई

औषधियों, चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री व सौंदर्य प्रसाधन की लेबलिंग संगत नियमों में निर्धारित प्रावधान के अनुसार न करने, लेबल पर गलत व भ्रामक तथ्य छापने की दशा में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, वर्ष 1940 की धारा-17 और धारा-17 सी के अंतर्गत मिथ्याछाप की श्रेणी में आता है। 

यही नहीं अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि हलाल प्रमाणीकरण का अंकन उत्पादों के लेबल पर किया जाए। ऐसे में अगर इन वस्तुओं पर हलाल प्रमाणीकरण से संबंधित किसी भी तथ्य का प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से अंकन किया जाता है, तो वह उक्त अधिनियम के अंतर्गत मिथ्याछाप होगा। 

धारा-27 के तहत दंडनीय अपराध

ऐसे में मिथ्याछाप औषधि, चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री व प्रसाधन सामग्रियों के विनिर्माण, भंडारण, वितरण, एवं क्रय-विक्रय किया जाना इस अधिनियम की धारा-18 के प्रतिबंधित है और धारा-27 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे में इसका विनिर्माण व बिक्री इत्यादि करने पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 

आजीवन कारावास व 10 लाख तक का जुर्माना

मिथ्याछाप वस्तुओं की बिक्री करने पर संस्था का लाइसेंस निरस्त किए जाने और नकली पदार्थ बेचने पर आजीवन कारावास व 10 लाख तक का जुर्माना लगाने की व्यवस्था है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग जल्द इसके खिलाफ जिलों में छापेमारी अभियान शुरू करेगा।

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