यूपी में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन, पकड़े जाने पर हो सकती है उम्रकैद; सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
Halal Banned in UP - यूपी में हलाल प्रमाणन (सर्टिफाइड) उत्पादों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। बिना किसी अधिकार के खान-पान औषधि व सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों का हलाल प्रमाणन किया जा रहा था। नियम विरुद्ध ढंग से हो रहे प्रमाणन पर सख्ती किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद इस पर रोक लगाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 18 Nov 2023 09:38 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में हलाल प्रमाणन (सर्टिफाइड) उत्पादों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। बिना किसी अधिकार के खान-पान, औषधि व सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों का हलाल प्रमाणन किया जा रहा था।
नियम विरुद्ध ढंग से हो रहे प्रमाणन पर सख्ती किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस पर रोक लगाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
अपर मुख्य सचिव ने जारी की अधिसूचना
अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व आयुक्त अनीता सिंह की ओर से शनिवार को रोक लगाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब किसी व्यक्ति के हलाल प्रमाणन युक्त खानपान की वस्तुएं, औषधि, चिकित्सा के लिए प्रयुक्त अन्य सामग्री व प्रसाधन सामग्रियों के विनिर्माण, भंडारण, वितरण एवं क्रय-विक्रय करते हुए पाए जाने पर उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी।यहां जानिए किन धाराओं में होगी कार्रवाई
औषधियों, चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री व सौंदर्य प्रसाधन की लेबलिंग संगत नियमों में निर्धारित प्रावधान के अनुसार न करने, लेबल पर गलत व भ्रामक तथ्य छापने की दशा में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, वर्ष 1940 की धारा-17 और धारा-17 सी के अंतर्गत मिथ्याछाप की श्रेणी में आता है। यही नहीं अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि हलाल प्रमाणीकरण का अंकन उत्पादों के लेबल पर किया जाए। ऐसे में अगर इन वस्तुओं पर हलाल प्रमाणीकरण से संबंधित किसी भी तथ्य का प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से अंकन किया जाता है, तो वह उक्त अधिनियम के अंतर्गत मिथ्याछाप होगा।
धारा-27 के तहत दंडनीय अपराध
ऐसे में मिथ्याछाप औषधि, चिकित्सा में प्रयुक्त अन्य सामग्री व प्रसाधन सामग्रियों के विनिर्माण, भंडारण, वितरण, एवं क्रय-विक्रय किया जाना इस अधिनियम की धारा-18 के प्रतिबंधित है और धारा-27 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे में इसका विनिर्माण व बिक्री इत्यादि करने पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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