Hathras Stampede: हाथरस हादसे को लेकर सीएम योगी सख्त, कार्रवाई को लेकर कही ये बड़ी बात
सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस की घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाई है। कहा कि इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने हाथरस हादसे (Hathras Accident) को लेकर कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। प्रदेश सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश। उन्होंने अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि घटना अत्यंत दुखद और ह्दयविदारक है।
मुख्यमंत्री ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
116 लोगों की गई जान
भीड़ प्रबंधन के प्रति लापरवाही के चलते मंगलवार को ब्रज के प्रवेश द्वार हाथरस में हुई एक भीषण घटना में 116 लोगों की हृदयविदारक मृत्यु हो गई। पूरे देश को झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग आतुर हो गए। मरने वालों में 108 महिलाएं, सात बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। कई लोग घायल भी हुए हैं।मौके से फरार हुआ बाबा
यह सन 1954 में हुए प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रदेश में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हादसा है। घटना के बाद मौके से निकल कर बाबा देर रात मैनपुरी पहुंच गया। वंचित समाज के लोगों पर भोले बाबा का बड़ा प्रभाव माना जाता है।
सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
गहरा दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंचे
बताया जा रहा है कि इस सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की उपस्थिति की प्रशासनिक अनुमति थी, लेकिन मौके पर डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंच गए। इसके चलते भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था औंधे मुंह हो गई। लोग सड़क किनारे के फिसलन भरे गड्ढे में गिरने लगे। पीछे से भीड़ का दबाव, नदारद भीड़ प्रबंधन और इसके चलते हुई भगदड़ ने भयावह रूप ले लिया।
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