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इधर उमर अब्दुल्ला ने ली सीएम पद की शपथ, उधर अखिलेश और राहुल गांधी ने मीटिंग में साफ कर दी तस्वीर!

उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की तस्वीर जल्द साफ होने के संकेत मिले हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच मुलाकात के बाद यह संभावना जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिनमें से सपा ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 16 Oct 2024 08:45 PM (IST)
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यह तस्वीर एक्स पर शेयर की है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पहले मध्य प्रदेश और फिर हरियाणा विधानसभा चुनाव में सपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन न करने से दोनों दलों के बीच रिश्तों को लेकर उठ रहे सवालों पर बुधवार को कुछ विराम लगा। 

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेसी नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच एक मुलाकात ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव में गठबंधन की तस्वीर जल्द साफ होने के संकेत भी दे दिए। अखिलेश यादव ने आईएनडीआईए गठबंधन के कई नेताओं के साथ एक समूह फोटो को साझा करते हुए लिखा कि एकता ही इंडिया है।

प्रत्याशियों की घोषणा के बाद उठे थे सवाल

उत्तर प्रदेश में 10 में से नौ सीटों पर उपचुनाव करने की घोषणा चुनाव आयोग ने मंगलवार को कर दी है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर कोर्ट में याचिका लंबित होने के कारण उपचुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है। 

समाजवादी पार्टी पहले ही मिल्कीपुर, मझवां, फूलपुर, करहल, कटेहरी और सीसामऊ सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब कुंदरकी, मीरापुर, खैर और गाजियाबाद सीट पर सपा को अपने उम्मीदवार तय करना है। 

कांग्रेस की ओर से मझवां और फूलपुर सहित पांच सीटें मांगी जा रही थी। इसे सपा ने सिरे से खारिज करते हुए वहां अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इसके बाद से कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन को लेकर कई तरह के सवाल भी उठने लगे थे। 

हालांकि, पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कहा था कि उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन रहेगा। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, सपा कांग्रेस को गाजियाबाद सीट दे सकती है। दूसरी सीट अलीगढ़ की खैर है जिसपर सपा में मंथन चल रहा है। 

मजबूत है सपा का समीकरण

सपा की कुंदरकी और मीरापुर सीट पर दावेदारी अधिक मजबूत है। इसके पीछे वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव का परिणाम है। वर्ष 2022 में कुंदरकी सीट से सपा के जियाउर्रहमान ने जीत दर्ज की थी। उनके संभल के सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त हुई है। 

सपा में टिकट के लिए पूर्व सांसद एसटी हसन, पूर्व विधायक हाजी रिजवान सहित नौ दावेदारों ने अपना दावा ठोंका है। इसी तरह मीरापुर सीट पर भी सपा अपने पिछले प्रदर्शन को आधार मानकर अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। 

कांग्रेस को मिल सकती है गाजियाबाद सीट

वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस के गठबंधन के साथ उतरी सपा के लियाकत अली भाजपा के अवतार सिंह भड़ाना से मात्र 193 वोटों से हार गए थे। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में यह सीट सपा ने गठबंधन में रालोद को दे दी थी। 

रालाेद के चंदन चौहान मीरापुर से जीतकर विधायक बने थे। खैर सीट पर भी 2022 के चुनाव में आरएलडी भगवती प्रसाद को टिकट दिया था। आरएलडी यहां तीसरे नंबर पर आयी थी। गाजियाबाद भाजपा के अतुल गर्ग ने 1,05,537 वोटों के अंतर से जीती थी। दूसरे पर रहने वाली सपा इस उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस को गठबंधन में दे सकती है।

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