UP News: डेंगू के बढ़ते मामलों पर हाई कोर्ट सख्त, लखनऊ नगर निगम से पूछा-रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए?
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ नगर निगम से कल तक मांगा जवाब। उपमुख्यमंत्री की जांच में एक्सपायरी दवाएं मिलने का भी लिया संज्ञान। कोर्ट ने रोकथाम के लिए किए गए उपायों पर 48 घंटों में जवाब तलब किया है।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Wed, 19 Oct 2022 10:56 PM (IST)
लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ नगर निगम से शहर में डेंगू के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए उससे डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित करने व उसके प्रभाव को रोकने के लिए उठाये गए कदमों के बाबत 48 घंटों में जवाब तलब किया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को नियत किया है।
अफसरों के कान पर नहीं रेंग रही जूं
यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने आशीष मिश्रा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका 2012 में दाखिल की गई थी। बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा गया कि शहर में डेंगू का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता चला जा रहा है लेकिन अफसरों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। वहीं याचिका में कई अन्य मुददे भी उठाये गए।
प्लाज्मा की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी
सुनवाई करते हुए पीठ ने राज्य सरकार से सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सुविधाओं के उच्चीकरण के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने खासतौर से सरकार से पूछा है कि मरीजों के लिए प्लाज्मा की उपलब्धता के बारे में क्या स्थिति है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि अधिकारियों को जितना भी फंड या जनशक्ति या मशीनों की जरूरत हो उसे मुहैया कराया जाए।एक्सपायरी दवाओं का भी लिया संज्ञान
कोर्ट ने याची की इस बात पर भी संज्ञान लिया कि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सुविधाओं का टोटा है। पीठ ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा एक जांच के दौरान स्टोर में एक्सपायरी दवाओं के मिलने का भी संज्ञान लिया है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई पर उसे अवगत कराया जाए कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आइटी साल्यूसंस का प्रयोग दवाओं की खरीद व उसके उपयोग में क्यों नही किया जा रहा है।
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