UP News: हाईकोर्ट ने कहा- उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 असंवैधानिक, मुलायम सिंह यादव की सरकार में बना था अधिनियम
UP News In Hindi हाई कोर्ट कोर्ट ने कहा यह अधिनियम संविधान में पंथ निरपेक्षता के मूल सिद्धांतों के विपरीत-सभी मदरसों के छात्रों को मान्यता प्राप्त नियमित विद्यालयों में दाखिल करे सरकार। शिक्षा के मौलिक अधिकार के तहत राज्य का दायित्व है कि वह छह से 14 वर्ष के सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा दे। राज्य अलग-अलग मजहब के बच्चों के बीच अंतर नहीं कर सकता है।
विधि संवाददाता, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा है कि यह अधिनियम संविधान में पंथ निरपेक्षता के मूल सिद्धांतों के साथ ही समानता, जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकारों के विपरीत है।
कोर्ट ने इस अधिनियम को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन एक्ट की धारा 22 के भी विरुद्ध पाया है और सरकार को आदेश दिया है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को विभिन्न बोर्ड के नियमित स्कूलों में समायोजित किया जाए।
अधिनियम समाप्त होने के बाद बड़ी संख्या में मदरसों में पढ़ने वाले छात्र प्रभावित होंगे, लिहाजा राज्य पर्याप्त संख्या में सीटें बढ़ाए और आवश्यकता हो तो नए विद्यालयों की स्थापना करे।यह निर्णय जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने अंशुमान सिंह राठौर की याचिका पर पारित किया।
आठ फरवरी को अपना निर्णय किया था सुरक्षित
याचिका के साथ कोर्ट ने एकल पीठों द्वारा भेजी गई उन याचिकाओं पर भी सुनवाई की जिनमें मदरसा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिकता का प्रश्न उठाते हुए बड़ी बेंच को मामले भेजे गए थे। याचिकाओं पर कोर्ट ने आठ फरवरी, 2024 को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था।
ये भी पढ़ेंः UP Politics: सपा विधायक अभय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा, राज्यसभा में दिया था भाजपा के पक्ष में वोट
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य यह नहीं कर सकता कि किसी विशेष धर्म के बच्चे को बाकियों से अलग शिक्षा दे। धार्मिक आधार पर समाज को बांटने वाली राज्य की नीति संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत होती है। सरकार यह अवश्य सुनिश्चित करे कि छह से 14 वर्ष का कोई बच्चा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में दाखिले से न छूट जाए। याचिका में कहा गया कि मदरसा अधिनियम में यह स्पष्ट ही नहीं है कि एक विशेष धर्म की शिक्षा के लिए अलग से सरकारी बोर्ड बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
ये भी पढ़ेंः Lok Sabha Election: बसपा ने हाथरस सीट से घाेषित किया प्रत्याशी, साफ्टवेयर इंजीनियर को मैदान में उतारा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।