सपा नेता पूर्व मंत्री यासर शाह की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट की रोक, पेपर लीक की फर्जी पोस्ट पर दी चेतावनी
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा नेता व पूर्व मंत्री यासर शाह को पेपर लीक का फर्जी पोस्ट डालने के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने यासर शाह को भविष्य में सोशल मीडिया पर कोई सामग्री डालने को लेकर सतर्कता बरतने की चेतावनी भी दी है। न्यायालय ने याची को अंतरिम राहत दी है हालांकि विवेचना में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है।
विधि संवाददाता, लखनऊ। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा नेता व पूर्व मंत्री यासर शाह को पेपर लीक का फर्जी पोस्ट डालने के मामले में बड़ी राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। हालांकि, चेतावनी भी दी कि वह भविष्य में सोशल मीडिया पर कोई सामग्री डालने को लेकर सतर्कता बरतें। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यासर शाह की याचिका पर पारित किया।
याची की ओर से लखनऊ के हुसैनगंज थाने में 22 अगस्त, 2024 को दर्ज कराई गई एफआईआर को चुनौती दी गई थी। प्रभारी मीडिया सेल सत्येन्द्र कुमार द्वारा दर्ज कराई उक्त एफआईआर में तमाम सोशल मीडिया हैंडल्स को नामजद करते हुए आरोप लगाया गया है कि अभियुक्तों द्वारा पेपर लीक की फर्जी अफवाह फैलाते हुए पैसों की मांग की जा रही है।
उक्त एफआईआर में यासर शाह द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए गए पोस्ट की भी शिकायत की गई है। कहा गया है कि यूजर द्वारा भर्ती के पेपर लीक का असत्य कथन कहते हुए, अपमानजनक पोस्ट की गई है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि मामले में याची की भूमिका सिर्फ एक पोस्ट तक सीमित है जो कि आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन दूसरी तरफ हम संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को भी अनदेखा नहीं कर सकते। इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची को अंतरिम राहत दी, हालांकि विवेचना में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है।
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