रणजीत हत्याकांड : परिचित की नौकरी के लिए जाना था नोएडा, रात को सेलिब्रेट किया जन्मदिन-सुबह हत्या
लखनऊ में हिंदू वादी नेता रणजीत बच्चन की दिनदहाड़े मार्निंग वॉक के दौरान हुई थी हत्या। शनिवार को गोरखपुर से परिचित दंपती संग मौसेरे भाई आए थे साथ।
By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Mon, 03 Feb 2020 08:59 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता रणजीत हत्याकांड की पुलिस छानबीन में एक के बाद एक तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, रणजीत बच्चन शनिवार को गोरखपुर से लखनऊ किसी परिचित की नौकरी के सिलसिले में पहुंचे थे। रणजीत के साथ उनके परिचित अमवां महराजगंज निवासी अभिषेक, उनकी पत्नी ज्योति पटेल और मौसेरा भाई आदित्य भी उस दिन करीब साढ़े तीन बजे ओसीआर बिल्डिंग आए थे। अभिषेक, उनकी पत्नी को लेकर उन्हें नोएडा जाना था। छानबीन में यह भी पता चला कि बीते दिन शनिवार को रणजीत का जन्मदिन भी था। उन्होंने रात में पार्टी भी की थी। अगले दिन रविवार सुबह मार्निंग वॉक के दौरान साजिश के तहत घात लगाकर बैठे बदमाश ने मौत के घाट उतार दिया।
बता दें, रणजीत बच्चन रविवार सुबह पत्नी कालिंदी और मौसेरे भाई आदित्य के साथ मार्निंग वॉक पर निकले थे। हमलावर अकेले बाइक से आया था। परिवर्तन चौराहे से थोड़ी दूर ग्लोब पार्क के पास बदमाश ने रणजीत को रोक लिया। हमलावर ने असलहा तानकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सिर में गोली लगने से रणजीत की मौत हो गई, जबकि एक गोली उसके भाई के हाथ में जाकर धंसी। रणजीत ने विश्व हिंदू महासभा के नाम से एक संगठन बनाया था और वह उसके अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
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परिचित की नौकरी लगवाने जाना था नोएडा
आदित्य के मुताबिक, रणजीत अभिषेक और ज्योति को उनकी नौकरी के सिलसिले में राजधानी लाए थे। दोनों को साथ लेकर उन्हें नोएडा जाना था। रविवार सुबह टहलने के लिए रणजीत ने अभिषेक को भी जगाया था। लेकिन थकान और पैर में सूजन की बात कहकर अभिषेक ने साथ जाने से इन्कार कर दिया। रणजीत की पत्नी ने पोस्टमॉर्टम हाउस पर रोते हुए कहा कि उनके पति की हत्या हिंदू विरोधी दल के लोगों ने कराया है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। कालिंदी ने रणजीत की किसी प्रकार की रंजिश से इन्कार कर दिया। परिवारजन ने बताया कि रणजीत हिंदू धर्म के लिए काम करते थे। लोगों की मदद भी करते थे। उन्होंने कभी पुलिस से सुरक्षा की मांग नहीं की थी।
नौकरी, मुआवजा और गनर की मांगरणजीत की पत्नी कालिंदी ने सरकारी नौकरी, 50 लाख रुपये मुआवजे के साथ गनर की मांग की है। रणजीत के करीबी डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि उन्होंने कई बार शस्त्र लाइसेंस के लिये कहा, लेकिन रणजीत ने आवेदन तक नहीं किया। अगर उनके पास लाइसेंसी हथियार होता तो वह अपना बचाव कर सकते थे।
यह भी पढ़ें : लखनऊ में हिंदूवादी नेता रणजीत की गोली मारकर हत्या-भाई घायल, मॉर्निंग वॉक पर निकले दोनोंपहली को बिना भनक लगे 2015 में की थी दूसरी शादी रणजीत ने पहली पत्नी कालिंदी को बताए बिना विकासनगर सेक्टर दो निवासी स्मृति से फरवरी 2015 में दूसरी शादी की थी। उसी साल वह स्मृति को लेकर गोरखपुर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस बात की जानकारी कालिंदी को हो गई थी, जिसके बाद दो शादियों का राज सामने आया था। इस दौरान कालिंदी की बहन ने रणजीत के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई थी। उधर, स्मृति ने हकीकत जानने के बाद रणजीत से रिश्ता तोड़ लिया था।
हिंदू संगठनों ने की घटना की निंदाहिंदू संगठनों के कई लोग ओसीआर स्थित बिल्डिंग परिसर पहुंचे और घटना की निंदा करते हुए जमकर हंगामा किया। पुलिस बल ने उन्हें जल्द कातिलों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर समझाया, जिसके चलते विरोध-प्रदर्शन बढऩे नहीं पाया।
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