Heat Wave: देश भर में गर्मी का प्रचंड रूप, 73 की मौत; प्रयागराज समेत इन शहरों में पारा 47 डिग्री के पार
मौसम विभाग ने भी कई जिलों में 20 जून तक लू का रेड अलर्ट जारी किया है। सोमवार को प्रयागराज फिर प्रदेश में सबसे गर्म रहा जहां अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस रहा है। इसके अलावा झांसी सुलतानपुर हमीरपुर फतेहपुर में भी पारा 47 डिग्री के पार रहा है तो कन्नौज वाराणसी गौतमबुद्ध नगर रायबरेली मथुरा में दिन का तापमान 46 के ऊपर रहा।
जागरण टीम, लखनऊ : भीषण लू का मौसम कानपुर समेत पूरे गंगा-यमुना के मैदान को झुलसा रहा है। इसके साथ ही सोमवार को पश्चिम से पूरब की ओर बह रही पछुआ हवा की औसत गति भी रविवार के मुकाबले 7.1 किमी से बढ़कर सोमवार को 9.1 किमी प्रति घंटा हो गई। इससे पछुआ के कमजोर होने से पुरवा हवा चलने की जो उम्मीद थी, वह भी टूट गई है। अब अगले तीन दिन तक मौसम में नरमी के आसार नहीं हैं।
मौसम विभाग ने भी कई जिलों में 20 जून तक लू का रेड अलर्ट जारी किया है। सोमवार को प्रयागराज फिर प्रदेश में सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस रहा है। इसके अलावा झांसी, सुलतानपुर, हमीरपुर, फतेहपुर में भी पारा 47 डिग्री के पार रहा है तो कन्नौज, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, रायबरेली, मथुरा में दिन का तापमान 46 के ऊपर रहा, वहीं लखनऊ में भी पहली बार ताप 46 डिग्री पहुंचा।
बीते 24 घंटों में प्रचंड गर्मी से 73 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा 16 मौतें कानपुर में हुईं। तीन शव तो स्टेशन में मिले। फतेहपुर में पिता-पुत्र समेत आठ लोगों की मौत हो गई। 27 वर्षीय अंशू दुबे बुखार आने के बाद बेहोश हो गए। कुछ देर में उनकी मौत हो गई।
62 वर्षीय पिता इकलौते बेटे के शव का अंतिम संस्कार लौटे तो लू लगने से उनकी भी मौत हो गई। वहीं, हमीरपुर में 15, चित्रकूट में 12 तो बांदा में 10 लोगों ने दम तोड़ दिया। उन्नाव, कन्नौज में तीन-तीन, औरैया-महोबा में दो-दो, कानपुर देहात और इटावा में एक-एक की मौत हो गई। चंदौली में पांच, गाजीपुर में चार व मीरजापुर में पांच लोगों की मौत हो गई।
बढ़ा मानसून का इंतजार
पश्चिम बंगाल और बिहार के पूर्वी हिस्से में ठहरे मानसून का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। शनिवार को 10.1 किमी की औसत गति से चल रही पछुआ की रफ्तार जब रविवार को कम हुई तो मौसम विज्ञानियों को मानसून के यूपी की ओर खिसकने की उम्मीद सोमवार को नाउम्मीदी में बदल गई। सोमवार को कई जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से चार से नौ डिग्री तक ऊपर चला गया।मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इसकी वजह है कि हर साल 17 जून के आसपास मानसून का असर दिखने लगता था और तापमान नियंत्रित रहता था। इस साल भीषण गर्मी की स्थिति अभी कम से कम तीन दिन बनी रहेगी।
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