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Lucknow News : शत्रु संपत्ति भवन में चल रहा होटल कबीला सील, कई और कब्जेदार भी रडार पर- 200 संपत्तियों का लिस्ट में नाम

लखनऊ जिले में शत्रु संपत्ति पर 200 से अधिक आवासीय व व्यावसायिक भवन हैं। इन सभी में व्यावसायिक गतिविधियां वर्षों से संचालित हो रही हैं। अवैध कब्जे की लगातार शिकायतें मिलने पर 15 मई 2023 से शत्रु संपत्तियों पर काबिज किरायेदारों से उनके काबिज होने का आधार किरायेदारी का विवरण नोटिसे भेजकर मांगा जाता रहा कुछ ने ही नोटिस का जवाब दिया।

By Dharmesh Awasthi Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 27 Oct 2024 10:51 PM (IST)
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नोटिस देने के बाद भी नहीं दिया था जवाब।
जागरण संवाददाता, लखनऊ।  हलवासिया स्थित शत्रु संपत्ति के भवन महमूदाबाद मेंशन में चल रहा होटल कबीला आखिरकार रविवार को सील कर दिया गया। लखनऊ में यह पहली शत्रु संपत्ति है, जिसे सील किया गया है।

दैनिक जागरण ने दो दिन पहले ही इस खबर को प्रकाशित किया था कि होटल कबीला ने न किराया जमा किया और न ही किसी नोटिस का जवाब दिया। खबर में यह भी बताया गया था कि अभिलेख प्रस्तुत न करने पर प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। उपजिलाधिकारी सदर अंकित शुक्ल व शत्रु संपत्ति के मुख्य पर्यवेक्षक यशपाल सिंह की अगुवाई में यह बड़ी कार्रवाई हुई है।

शत्रु संपत्ति पर 200 से अधिक आवासीय व व्यावसायिक भवन

लखनऊ जिले में शत्रु संपत्ति पर 200 से अधिक आवासीय व व्यावसायिक भवन हैं। इन सभी में व्यावसायिक गतिविधियां वर्षों से संचालित हो रही हैं। अवैध कब्जे की लगातार शिकायतें मिलने पर 15 मई 2023 से शत्रु संपत्तियों पर काबिज किरायेदारों से उनके काबिज होने का आधार किरायेदारी का विवरण नोटिसे भेजकर मांगा जाता रहा, कुछ ने ही नोटिस का जवाब दिया, लेकिन उन्होंने कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। वहीं कई अवैध कब्जेदारों ने नोटिसों का कोई जवाब ही नहीं दिया।

27 सितंबर को दिया था नोटिस 

15 महमूदाबाद मेंशन हजरतगंज पर चल रहे कबीला रेस्टोरेंट की नोटिसें कर्मचारियों ने प्राप्त की, रेस्टोरेंट संचालक ने उनका कोई उत्तर नहीं दिया। इस पर 27 सितंबर 2024 को रेस्टोरेंट संचालक को बेदखली का कारण बताओ नोटिस दिया गया, इसका भी रेस्टोरेंट की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने उप जिलाधिकारी सदर को कबीला रेस्टोरेंट खाली कराने का सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया था। रविवार को शत्रु संपत्ति विभाग ने पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर रेस्टोरेंट को सील कर दिया है।

नोटिस में मांगी गईं जानकारियां

-शत्रु संपत्तियों पर काबिज लोग लखनऊ शाखा में आकर दस्तावेज प्रस्तुत करें?

-कब्जेदार यह प्रमाण दें कि किसके आदेश पर उस संपत्ति पर काबिज हैं?

-किस सक्षम अधिकारी और आफिस द्वारा उनका किराया तय किया गया था?

-कब्जेदार ने मूल संपत्ति में किसी तरह की कोई तब्दीली तो नहीं की है?

-यदि कोई तब्दीली की गई है तो किस समक्ष अधिकारी ने ऐसा आदेश दिया था?

-काबिज ने किसी तीसरे व्यक्ति या संस्था को भवन किराये पर तो नहीं दिया था?

क्या है शत्रु संपत्ति

भारत की रक्षा अधिनियम, 1962 के तहत बनाए गए नियमों के तहत सरकार ने पाकिस्तानी राष्ट्रीयता लेने वालों की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करते हुए कब्जे में ले लिया। इसी के तहत राजा महमूदाबाद की तमाम संपत्तियां सरकार के अधीन हो गईं। राजधानी की ही करीब दो सौ से अधिक शत्रु संपत्तियों पर किरायेदार काबिज हैं, जिन पर 25 से 30 करोड़ रुपये तक का बकाया है।

लखनऊ की पांच तहसीलों में 167 शत्रु संपत्तियां चिह्नित हैं। इसमें 125 से ज्यादा शत्रु संपत्तियां अकेले सदर तहसील में हैं। इसके अलावा मलिहाबाद में नौ, 29 मोहनलालगंज और शेष बीकेटी व सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र में हैं।

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