Uttar Pradesh: डबल इंजन सरकार में 31.45 लाख बेघरों को मिली छत, PM AWAS और CM AWAS योजनाओं का मिल रहा है फायदा
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रदेश में अब तक 29.85 लाख परिवारों को घर मिला है जबकि पीएम आवास से वंचित मगर योजना के लाभ के हकदार 1.60 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गृह प्रवेश कराया गया है। उत्तर प्रदेश में यह दोनों योजनाएं साझा प्रयासों का अब तक का सबसे बेहतर परिणाम मानी जा रहीं हैं।
By Anand MishraEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Thu, 20 Jul 2023 02:27 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : 'डबल इंजन की सरकार' राजनीतिक जुमला हो सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में केंद्र व राज्य सरकार की दोहरी कोशिशों के परिणाम कई मामलों में सार्थक देखने को मिले हैं। यूपी में दोनों सरकारों के साझा प्रयास 31.45 लाख बेघरों या कच्चे मकानों में रहने वालों के सिर पर छत मुहैया कराने में कामयाब रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत प्रदेश में अब तक 29.85 लाख परिवारों को घर मिला है जबकि पीएम आवास से वंचित मगर योजना के लाभ के हकदार 1.60 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना (UP Mukhyamantri Gramin Awas Yojana) के तहत गृह प्रवेश कराया गया है। उत्तर प्रदेश में यह दोनों योजनाएं साझा प्रयासों का अब तक का सबसे बेहतर परिणाम मानी जा रहीं हैं।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत देश भर में सर्वाधिक कोटा पाने में भी उत्तर प्रदेश कामयाब रहा है। इस योजना के विभिन्न चरणों के तहत उत्तर प्रदेश को अब तक 36,15,149 आवासों का लक्ष्य सौंपा गया है। जिसके सापेक्ष 34,77,393 आवासों को स्वीकृति देते हुए अब तक 29,85,598 आवासों का निर्माण पूरा किया गया है।
योजना पर अब तक चार हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि व्यय की गई है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की मांग पर प्रदेश को 1.44 लाख आवासों का अतिरिक्त कोटा भारत सरकार ने मुहैया कराया है।
वहीं, मुख्यमंत्री आवास योजना के दायरे में प्रदेश में उन वंचित लोगों को लाया गया है जिन्हें पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, या नहीं मिल सकता है। इनमें मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, शहरिया जाति के लाभार्थी भी शामिल रहे हैं। प्रदेश में आवास योजना के लाभार्थियों को केंद्र व राज्य सरकार की तमाम योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
शौचालय, नल जल योजना, उज्ज्वला योजना के साथ-साथ मनरेगा के तहत इन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि पीएम आवास ग्रामीण के तय लक्ष्य और हासिल उपलब्धि का फासला मौजूदा सिस्टम की सुस्ती को भी बयां करता है। लक्ष्य और अब तक बने मकानाें में छह लाख से अधिक का फासला है।
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