Lucknow News: आईएएस सुहास एलवाई पर लगे पद के दुरुपयोग के आरोप, उच्च स्तरीय जांच की हुई सिफारिश; जानें मामला
Lucknow News लोक आयुक्त ने पूर्व डीएम व आइएएस अधिकारी सुहास एलवाई के विरुद्ध प्रयागराज में नजूल की भूमि को फ्री होल्ड करने के मामले में पद का दुरुपयोग करने और मनमानी तरीके से निर्णय लेने के आरोपों में उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है। मौजूदा समय में सचिव खेल के पद पर तैनात सुहास 2017 में प्रयागराज में डीएम के पद पर तैनात थे।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 10 Aug 2023 04:00 AM (IST)
लखनऊ,राज्य ब्यूरो। लोक आयुक्त ने पूर्व डीएम व आइएएस अधिकारी सुहास एलवाई के विरुद्ध प्रयागराज में नजूल की भूमि को फ्री होल्ड करने के मामले में पद का दुरुपयोग करने और मनमानी तरीके से निर्णय लेने के आरोपों में उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है।
सुहास 2017 में प्रयागराज में डीएम के पद पर तैनात थे।
लोक आयुक्त ने वर्ष 2020 की रिपोर्ट में इसका उल्लेख करते हुए शासन से कहा है कि सुहास एलवाई जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके तीन माह में लोक आयुक्त को इसकी जानकारी दी जाए। मौजूदा समय में सचिव खेल के पद पर तैनात सुहास 2017 में प्रयागराज में डीएम के पद पर तैनात थे। सुहास के विरुद्ध अभिषेक टंडन ने आरोप लगाए थे कि पूर्व जिलाधिकारी संजय कुमार की संस्तुति पर भी नजूल की भूमि को फ्री होल्ड करने को लेकर सुहास ने तैनाती के बाद विचार नहीं किया था।
दोषी सिद्ध होने पर होगी कार्रवाई
लोक आयुक्त ने कहा है कि नजूल भूखंड 32 सी, 139 व 139 बी को लेकर सुहास एलवाई के मनमाने निर्णयों से भुक्तभोगी श्री टंडन को मानसिक परेशानी हुई है और सुहास द्वारा शासन को पद का दुरुपयोग करके शासन को भेजी गई रिपोर्ट की भी जांच की जाए। लोक आयुक्त ने सिफारिश की है कि यदि उच्च स्तरीय जांच सुहास दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके तीन माह में लोक आयुक्त को अवगत करवाया जाए।मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश लोक आयुक्त ने मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष आरके सिंह तथा उपाध्यक्ष नागेन्द्र प्रताप के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की है।
टेंडर प्रक्रिया के बिना लिया भुगतान
मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष आरके सिंह के विरुद्ध सुरेंद्र कुमार ने आरोप लगाए थे कि टेंडर प्रक्रिया के बिना ही उन्होंने अपने करीबियों के 30 निजी वाहनों को प्राधिकरण कार्यालय में टैक्सी के रूप में लगाकर उनका भुगतान ले लिया था।वहीं प्राधिकरण में गैर पंजीकृत कंपनी से लेबर,चौकीदार व सफाई कर्मचारी तथा सुरक्षा गार्डों के सेवाएं लेकर लाखों का फर्जीवाडा किया था। इसी प्रकार चार करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन को 70 लाख में फर्जी शिक्षण संस्था को देने सहित वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। आरके सिंह के विरुद्ध कार्रवाई करके शासकीय छति पूर्ति करने के आदेश लोक आयुक्त ने दिए हैं।स्कूल को जमीन आवंटित करने के मामले की विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। वहीं उपाध्यक्ष नागेन्द्र प्रताप के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।