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कोरोना तीसरी लहर की आशंका अब बहुत कम, जानें- क्या कहता है IIT कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल का आकलन

यूपी के कोविड प्रबंधन पर आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने अध्ययन किया है। उन्हीं रिपोर्ट का संकलन कोविड संग्राम यूपी माडल नीति युक्ति परिणाम प्रकाशित हुआ है जिसका विमोचन सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Tue, 12 Oct 2021 06:54 AM (IST)
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आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल का आकलन ​है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अब बहुत कम है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। गणितीय सूत्रों से कोरोना वायरस के संक्रमण की चाल देखकर अमूमन सटीक विश्लेषण करते रहे आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल का आकलन सभी को भरोसे का संदेश देने वाला है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बहुत कम है और यदि लहर आती भी है तो उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य संसाधन अब काफी मजबूत हैं।

यूपी के कोविड प्रबंधन पर प्रो. मणींद्र अग्रवाल, पद्मश्री ने अपने संस्थान व देश के साथ अमेरिका में जा बसे वैज्ञानिकों को लेकर कोरोना की पहली और दूसरी लहर के प्रकोप से निपटने के लिए योगी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों, संक्रमण की रोकथाम में उनके असर, जीवन और आजीविका में मदद के साथ ही कई पहलुओं पर अध्ययन किया। उन्हीं रिपोर्ट का संकलन 'कोविड संग्राम, यूपी माडल : नीति, युक्ति, परिणाम' प्रकाशित हुआ है जिसका विमोचन सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, नीति आयोग के सदस्य डा. विनोद पॉल और मुख्य सचिव आरके तिवारी की मौजूदगी में लोकभवन में किया गया।

प्रो. मणींद्र अग्रवाल की टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि विशेषज्ञ अब तक आशंका जता रहे थे कि दशहरा और दीपावली के आसपास तीसरी लहर आ सकती है। कोरोना को लेकर मणींद्र अग्रवाल का विश्लेषण काफी हद तक वास्तविकता के निकट रहा है। प्रो. अग्रवाल ने कोविड प्रबंधन के लिए योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। दूसरी लहर में संपूर्ण लाकडाउन न लगाते हुए जीवन के साथ जीविका को चलाने के निर्णय के परिणाम बताए। कहा कि सही समय पर सही निर्णयों के असर का जो अध्ययन विशेषज्ञों ने किया है, उसमें देश के पांच राज्य हैं और इनमें यूपी अव्वल है। कोरोना के दौरान यूपी की बेरोजगारी दर का 11 से घटकर चार फीसद पर आ जाना उल्लेखनीय है। प्रो. अग्रवाल ने योगी के यूपी माडल को महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, केरल जैसे राज्यों की तुलना में बेहतर बताया।

दूसरे राज्यों के लिए भी मार्गदर्शक बनेगी पुस्तक : विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल में जीवन के साथ जीविका बचाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करते हुए प्रदेश सरकार ने दूसरी लहर में एक ओर तो स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक गतिविधियों के पहिए थमने नहीं दिए। ट्रिपल टी रणनीति, टीम वर्क और सधी नीति का परिणाम है कि 24 करोड़ की आबादी वाले यूपी में कोरोना आज पूरे तौर पर नियंत्रित है। यूपी के लिए यह गौरवान्वित करने वाली बात है कि पहली लहर में जान हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और दूसरी लहर में कानपुर आइआइटी द्वारा किए गए अध्ययन में यूपी का कोरोना प्रबंधन अव्वल साबित हुआ। उन्होंने सुझाव दिया कि इस पुस्तक की एक-एक प्रति दूसरे प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों में पहुंचे, जिससे यूपी का माडल वहां भी राहत दे सके। इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने कोरोना की पहली लहर में बनाई गई टीम-11 और दूसरी लहर में बनी टीम-9 के सदस्यों की सराहना की।

यूपी ने पेश की मिसाल : नीति आयोग के सदस्य डा. विनोद पॉल ने कहा कि सरकार ने जो भी व्यवस्थाएं संक्रमण रोकने और इलाज के लिए कीं, उनके अच्छे परिणाम आए। इतनी अधिक आबादी वाले राज्य में कोरोना को समय से काबू कर लिया गया। नए मेडिकल कालेजों का निर्माण, रैपिड रेस्पांस टीम, निगरानी समितियों का गठन और कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की अहम भूमिका रही। यूपी माडल ने मिसाल पेश की है। डा. पॉल ने कहा कि जो लोग पहला टीका लगवा चुके हैं, उन्हें कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा न के बराबर है। फिर भी सतर्कता बरतें क्योंकि त्यौहार शुरू हो गए हैं और अगले सौ दिन संवेदनशील रहेंगे।

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