Move to Jagran APP

आईआईटी कानपुर ने 63 स्टूडेंट्स को निकाला, 113 को चेतावनी

पढ़ाई और प्रोजेक्ट वर्क पूरा करने में लापरवाही बरतने वाले आईआईटी कानपुर के 63 स्टूडेंटों को सोमवार को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया। सभी स्टूडेंट अंडर ग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) फाइनल ईयर के हैं।

By Ashish MishraEdited By: Updated: Tue, 24 May 2016 02:03 PM (IST)
Hero Image
लखनऊ। पढ़ाई और प्रोजेक्ट वर्क पूरा करने में लापरवाही बरतने वाले आईआईटी कानपुर के 63 स्टूडेंटों को सोमवार को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया। सभी स्टूडेंट अंडर ग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) फाइनल ईयर के हैं।

एक या फिर दो कोर्स में फेल अलग-अलग सेमेस्टर के 113 स्टूडेंटों को चेतावनी भी दी गई है। इन सबने पढ़ाई में सुधार नहीं किया तो एकेडमिक प्रोबेशन पर लाकर निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी। निष्कासित स्टूडेंट्स को जून के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित दीक्षांत समारोह में डिग्री नहीं दी जाएगी। इस कार्रवाई से आईआईटी में हड़कंप मचा है। शिक्षक, स्टूडेंट मामले में कुछ बोलने को तैयार नही हैं। आईआईटी का दीक्षांत समारोह जून के अंतिम सप्ताह में होना है। इसकी तैयारियों, यूजी और पीजी स्टूडेंटों के रिजल्ट अनुमोदन को लेकर सोमवार को आईआईटी की सीनेट मीटिंग हुई।

इसमें बताया गया कि 2015-16 में करीब 4000 स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसमें से 1068 स्टूडेंट बीटेक और बीएस से संबंधित हैं। सीनेट की मीटिंग के दौरान एजेंडा नंबर-4 पर फेल और खराब परफारमेंस वाले स्टूडेंटों के निष्कासन का मामला रखा गया। दोपहर तीन बजे से चर्चा शुरू हुई, जो कि रात आठ बजे के बाद तक चलती रही। इस दौरान बीटेक, बीएस, एमटेक, एमएस, एमएससी, एमबीए और एमडैस के 63 स्टूडेंटों को संस्थान से निष्कासित करने का फैसला किया गया।

सीनेट में कहा गया कि निष्कासित स्टूडेंटों के पास मर्सी अपील (दया याचिका) का मौका है। यदि मर्सी अपील समझ में आई तो निष्कासन वापस लिया जा सकता है। इस सिलसिले में सीनेट की आपात मीटिंग अगले दो सप्ताह में बुलाई जा सकती है। आईआईटी के सूत्रों ने बताया कि 2014-15 में स्टूडेंटों के प्रोग्राम से टर्मिनेशन के बाद बवाल मचा था। इसलिए सीनेट ने बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश की है। सीनेट का कहना है कि प्रोग्राम से टर्मिनेट स्टूडेंटों को समर कोर्स कराया जा सकता है।

यदि स्टूडेंट समर कोर्स में अच्छा करते हैं तो टर्मिनेशन वापस लिया जा सकता है। हालांकि इस व्यवस्था का लाभ टर्मिनेशन झेलने वाले स्टूडेंटों को नहीं मिलेगा। ज्यादातर समर कोर्स की रजिस्ट्रेशन हो गए। अब कक्षाएं चल रही हैं। सूत्र ने कहा कि एक कोर्स में फेल और वार्निंग झेलने वाले स्टूडेंटों की संख्या भी बढ़ी है। दीक्षांत समारोह के दौरान 800 स्टूडेंटों को डिग्री दी जाएगी। इस पर सीनेट की मुहर लग गई है। यूजी, पीजी का दीक्षांत समारोह का अलग-अलग तारीखों पर कराया जाएगा। आईआईटी प्रशासन जल्द ही टॉपर के नाम का एलान कर देगा।

यौन उत्पीडऩ के आरोपों से घिरे और संस्थान से निष्कासित आईआईटी के छात्र का मामला भी सीनेट में रखा गया। इसमें हाईकोर्ट के आदेश पर चर्चा की गई। कहा गया कि हाईकोर्ट ने निष्कासन पर रोक लगाया है। अब स्टूडेंट परीक्षा कराके डिग्री देने की मांग कर रहा है।हालांकि सीनेट के ज्यादातर सदस्यों ने इसका विरोध किया। कहा कि मामले में आईआईटी प्रशासन को आगे पैरवी करनी चाहिए। यौन उत्पीडऩ के आरोपों से घिरे स्टूडेंट को डिग्री नहीं दी जानी चाहिए।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।