69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अनुप्रिया पटेल ने कहा- आरक्षित श्रेणी के शिक्षक अभ्यर्थियों को न्याय दिलाए सरकार
69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की पैरोकारी की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को कानूनी प्रक्रिया से अलग राजनीतिक रूप से तमाम उपलब्ध विकल्पों में से सभी को स्वीकार्य विकल्प लागू करना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले हाईकोर्ट के निर्णय पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक लगाए जाने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री व अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने फिर आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की पैरोकारी की। हाईकोर्ट ने आरक्षण की विसंगतियां दूर कर नए सिरे से मेरिट सूची बनाने के निर्देश दिए थे, जिस पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद इंटरनेट मीडिया एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया कि अन्याय का शिकार हुए आरक्षित श्रेणी के शिक्षक अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश सरकार न्याय दिलाने के लिए आगे आए। पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए वह इस मुद्दे पर आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के साथ मजबूती से खड़ी हुई हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि कानूनी प्रक्रिया से अलग सरकार को राजनीतिक रूप से तमाम उपलब्ध विकल्पों में से सभी को स्वीकार्य एक ऐसा विकल्प लागू करना चाहिए, जिससे किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो। यानी आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों का हक मारे बिना अगर अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को लाभ देकर उनकी नौकरी बचाई जाती है तो भी कोई दिक्कत नहीं होगी।
अनुप्रिया ने यह भी लिखा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में अन्याय का शिकार हुए अभ्यर्थी निराश न हों। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर विस्तृत अध्ययन के लिए अस्थाई रोक लगाई है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की लड़ाई पहले की तरह जारी रखेगी, बल्कि वादे के मुताबिक अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए हर संभव कानूनी मदद भी करेगी। पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक को छिटकने से रोकने को भाजपा का यह सहयोगी दल लगातार पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की आवाज बुलंद करने में जुटा हुआ है।
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