Lucknow Murder: विनय का भाई बोला- मंत्री के डर से पुलिस ने रची हत्या की झूठी कहानी, 52 बीघा जमीन मौत की वजह
Lucknow Murder News केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर के लखनऊ के दुबग्गा स्थित आवास पर बेटे की लाइसेंसी पिस्टल से भाजपा कार्यकर्ता विनय की हत्या के मामले में स्वजन पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नहीं है। मृतक विनय के भाई ने कहा कि पुलिस ने मंत्री के दबाव में झूठी कहानी गढ़ी है। हत्या की असल वजह 52 बीघा जमीन है।
By Prabhapunj MishraEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 03 Sep 2023 04:28 PM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मेरा भाई 20 हजार रुपए के जूते पहनता था। बेहद शौकीन था और खर्च करने में कभी पीछे नहीं रहता था। फिर कैसे मान लूं कि 12 हजार रुपये के लिए किसी से लड़ाई करेगा। पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं है। विनय की हत्या के पीछे गहरी साजिश है। मंत्री के दबाव में पुलिस असली बात सामने लाने से बच रही है।
क्या 52 बीघा जमीन है विनय की हत्या की असल वजह
हत्या की वजह मलिहाबाद की 52 बीघा जमीन है जिस पर कई लोगों की नजरें थीं। गुरुवार रात केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर की पिस्टल से मारे गए विनय श्रीवास्तव के भाई विभू ने शनिवार को गंभीर आरोप लगाकर पुलिस को कटघरे में खड़ा किया। विनय हत्याकांड के राजफाश के बाद से मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
पुलिस ने अरुण प्रताप सिंह उर्फ बंटी को छोड़ दिया
विभू का कहना है कि उनके भाई की हत्या का मुख्य सूत्रधार अरुण प्रताप सिंह उर्फ बंटी है जो घटना के समय वहां पर मौजूद था लेकिन पुलिस ने छोड़ दिया। विनय और बंटी मिलकर मलिहाबाद में 52 बीघा जमीन का सौदा कर रहे थे। जमीन विवादित थी और तय हुआ था कि मैनेज करने के बाद दोनों आधी आधी बांट लेंगे। बंटी ने कुछ दिन पहले ही जमीन के सौदे में बिना विनय की सहमति के एक अन्य व्यक्ति को भी जोड़ लिया जो बात विनय को खटक रही थी। विभू का आरोप है कि जमीन में विनय को हिस्सा नहीं देना पड़े इसलिए उसकी हत्या की गई। करोड़ों की जमीन है इसलिए विनय को रास्ते से हटाने की साजिश रची गई।मौके पर नहीं मिली शराब और ताश के पत्ते
विभू का कहना है कि पुलिस ने हत्याकांड की झूठी कहानी बनाई है। घटना की रात सबसे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री के नाती अंकुर ने पर फोन कर सूचना दी थी कि दूसरे वाले घर पर विनय और उसके दोस्तों में झगड़ा हो गया है। यह सुनते ही मैं वहां पहुंचा था। रास्ते में अंकित रावत का फोन आया उसने बताया कि भाई की गोली लगने से मौत हो गई है। यह सुनते ही मैं सन्न रह गया। अंदर विनय का शव पड़ा था पास में अंकित रावत, अजय रावत और शमीम उर्फ बाबा खड़े थे। वहां पर ना तो ताश के पत्ते थे न ही शराब की बोतलें दिख रही थीं।