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यूपी में एटीएस ने नक्सली गतिविधियों में लिप्त दंपति गिरफ्तार, एफएसएल से साक्ष्य जुटाने के बाद दबोचा

एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल के अनुसार मूल रूप से कुशीनगर निवासी कृपाशंकर सिंह व उसकी पत्नी बिंदा सोना उर्फ मंजू को नक्सलियों के विरुद्ध जुलाई 2019 में दर्ज मुकदमे के तहत गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश में नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में पांच जुलाई 2019 को सात आरोपियों से पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था।

By Alok Mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 05 Mar 2024 11:02 PM (IST)
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यूपी में एटीएस ने नक्सली गतिविधियों में लिप्त दंपति गिरफ्तार।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने नक्सली गतिविधियों में संलिप्त रहे दंपति को प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। एटीएस ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के बाद दोनों के विरुद्ध कार्रवाई की है। आरोपी दंपति प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सक्रिय सदस्य रहे हैं।

एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल के अनुसार मूल रूप से कुशीनगर निवासी कृपाशंकर सिंह व उसकी पत्नी बिंदा सोना उर्फ मंजू को नक्सलियों के विरुद्ध जुलाई 2019 में दर्ज मुकदमे के तहत गिरफ्तार किया गया है। 

प्रदेश में नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में पांच जुलाई, 2019 को सात आरोपियों से पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना में मनीष श्रीवास्तव व उसकी पत्नी अमिता की भूमिका सामने आने पर उन दोनों को गिरफ्तार किया गया था। एटीएस ने आरोपियों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराई थी, जिससे सामने आए साक्ष्यों के आधार पर अन्य आरोपी बृजेश कुशवाहा व प्रभा को भी गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में सामने आए वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कृपाशंकर व बिंदा की गिरफ्तारी भी की गई है।

इनामी नक्सली को दिलाई थी शरण भी

जांच में यह भी सामने आया कि दंपति ने आंध्र प्रदेश के पांच लाख के इनामी नक्सली क्वांथन श्रीनिवासन को वर्ष 2017-18 में महाराजगंज के ग्राम करमहिया में शरण दिलाई थी। क्वांथन को अरविंद के नाम से एक स्थानीय स्कूल में शिक्षक की नौकरी भी दिलाई थी। 

एटीएस ने यह तथ्य सामने आने पर स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाचार्य के कोर्ट में बयान भी दर्ज कराए थे, जबकि इससे पूर्व आंध्र प्रदेश पुलिस ने वर्ष 2020 में क्वांथन को गिरफ्तार कर लिया था। एटीएस ने प्रयागराज में किराये के मकान में रहे रहे कृपाशंकर व उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है।

हिंसात्मक आंदोलन के लिए टू-यू का बना था हिस्सा

एडीजी के अनुसार वर्ष 2010 में कृपाशंकर को नक्सली गतिविधियों के मामले में कानपुर में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वह वर्ष 2016 में जमानत पर छूटा था। देवरिया से पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा करने वाले कृपाशंकर ने वर्ष 2004 में रायपुर (छत्तीसगढ़) में विनायक सेन के एनजीओ रूपांतरण से जुड़ा था। 

वहीं उसकी मुलाकात एनजीओ में काम कर रही रासपुर निवासी बिंदा सोना से हुई थी। रायपुर में ही दोनों ने शादी कर ली थी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़ गए थे। वर्ष 2007-08 में दोनों दिल्ली आ गए थे। दिल्ली से वर्ष 2009 में दोनों देवरिया आकर नक्सली गतिविधियों के प्रचार-प्रसार में जुट गए थे। 

जेल से बाहर आने के बाद कृपाशंकर व उसकी पत्नी नक्सलियों के टू-यू यानी उत्तर प्रदेश-उत्तरी बिहार के नेटवर्क से जुड़ गए थे। कृपाशंकर को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाकर हिंसात्मक आंदोलन की नींव तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दंपति भापका माओवादी की केंद्रीय कमेटी व पोलित ब्यूरो के शीर्ष पदाधिकारियों के सीधे संपर्क में थे।

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