निदा खान पर ज्यादती से अल्पसंख्यक आयोग खफा, फतवा के जवाब में हो फतवा
तीन तलाक व हलाला के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली बरेली की निदा खान पर हो रही ज्यादतियों पर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने नाराजगी जताई है।
By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 27 Jul 2018 07:28 AM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। तीन तलाक व हलाला के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली बरेली की निदा खान पर हो रही ज्यादतियों पर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने नाराजगी जताई है। आयोग चेयरमैन तनवीर हैदर उस्मानी ने बरेली के एसएसपी को तलब कर मामले में विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में भी निदा खान के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है उस पर भी तत्काल अंकुश लगाया जाए। इसी दौरान फोन पर बातचीत में उन्होंने बरेली शरीफ, देवबंद उलमा और पर्सनल लॉ बोर्ड से फतवे के जवाब में फतवा लाने का आह्वान किया।
फतवा से मुश्किल में निदा खान
- निदा की चोटी काटने का फरमान जारी
- निदा को पत्थर मारने वालों को इनाम
- सोशल मीडिया पर निदा के खिलाफ जहर
- निदा के हाथ का समोसा खाना हराम
- निदा की अर्जी टाइप करने से इनकार
बरेली की निदा खान की मुश्किलें उनके खिलाफ जारी फतवे के कारण बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को कचहरी में निदा खान का मंगाया समोसा खाने से एक मुस्लिम ने इनकार कर दिया। उसने कहा कि इस्लाम से खारिज होने के नाते समोसा खाना हराम है। एक मुस्लिम टाइपिस्ट ने उनकी एप्लीकेशन टाइप करने से मना कर दिया। बाद में निदा को हाथ से एप्लीकेशन लिखनी पड़ी। आयोग चेयरमैन ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर बरेली एसएसपी को फोन पर निदा की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ पर भी अंकुश लगाने को कहा है। कई संगठन निदा के खिलाफ सोशल मीडिया पर जहर उगल रहे हैं।
चोटी काटने व पत्थर मारने का ऐलान करने वालों की गिरफ्तारी के निर्देश
तनवीर हैदर उस्मानी ने निदा खान की चोटी काटने और पत्थर मारने वालों को 11786 रुपये का इनाम देने की घोषणा करने वाले स्वयंभू संगठनों के नेताओं की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बरेली के एसएसपी से कहा कि ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह देश का संविधान नहीं बल्कि इस्लामिक कानून यहां लागू करना चाहते हैं। इस्लाम से खारिज करने वाले मुफ्तियों पर भी आए फतवा
आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर ने कहा कि इस्लाम किसी का हुक्का-पानी बंद कर देने की इजाजत नहीं देता। फिर भी मुफ्तियों ने निदा खान को इस्लाम से खारिज करके तमाम पाबंदियां लगाईं। सवाल किया कि इस जुल्म के खिलाफ बरेली शरीफ, देवबंद के उलमा और पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारी चुप क्यों हैैं? फतवे के जवाब में फतवा क्यों नहीं देते? यह बात उन्होंने निदा खान से जुड़े मामले में आयोग की बैठक के बाद दैनिक जागरण से कही। फोन पर बातचीत में तनवीर ने कहा कि जिस तरह से निदा के खिलाफ फतवा दिया गया, उस तरह के फरमान दंडनीय अपराध हैैं। इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।फतवे के खिलाफ फतवा देना चाहिए
फतवा खाप पंचायतों के फरमान से मेल खाता है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में उलमा का रवैया ठीक नहीं है। उन्हें फतवे के खिलाफ फतवा देना चाहिए था। जिन्होंने इंसाफ के लिए लड़ रही एक महिला को इस्लाम से खारिज किया, उनके लिए शरीयत का क्या हुक्म होगा, अवाम के सामने लाया जाए। ऐसा नहीं करके उलमा ने जुल्म को मौन सहमति दी है। आयोग के अध्यक्ष ने सुझाव दिया है कि जुमे की तकरीर में इमाम हजरात मुसलमानों को मसाइल के बारे में बताएं। निकाह, तलाक, हलाला का सही मतलब समझाएं। न कि जरा-जरा सी बात पर फतवे जारी किए जाएं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।