निदेशकों की उम्र सीमा बढ़ाना गाइडलाइन का उल्लंघन, विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा विभाग के इस निर्णय को केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया है और इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव के आधार पर प्रदेश सरकार ने निदेशकों के चयन के लिए आयु सीमा 65 साल निर्धारित की है जो पहले 62 वर्ष या तीन वर्ष थी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ऊर्जा निगमों के निदेशकों का कार्यकाल 65 वर्ष किए जाने के निर्णय के विरोध में आवाज उठनी शुरू हो गई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा विभाग के इस निर्णय को केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया है और इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव के आधार पर प्रदेश सरकार ने निदेशकों के चयन के लिए आयु सीमा 65 साल निर्धारित की है, जो पहले 62 वर्ष या तीन वर्ष थी।
वर्मा ने कहा कि वर्ष 2023 में ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश की बिजली कंपनियों की खस्ता हालत में सुधार के लिए कई वित्तीय मानक व प्रबंधन में सुधार के लिए गाइडलाइन जारी की थी, जिसे सभी राज्यों को लागू करना था।
गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया था कि निदेशक की आयु सीमा 58 साल से ज्यादा नहीं होगी और उनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा। बावजूद इसके पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर एक नई गाइडलाइन प्रदेश में जारी की गई है।
उन्होंने कहा कि यूपी में बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत खस्ता है, इसमें सुधार के लिए अविलंब भारत सरकार की गाइडलाइन को लागू किया जाना चाहिए। उपभोक्ता परिषद प्रदेश ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्काल सरकार एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति बनाए और इसकी जांच कराए।
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