Indian Railways : लखनऊ को सिलचर तक रेल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी, रेलवे बोर्ड भेजा गया प्रस्ताव
Railway is going to Connect Lucknow From Silchar रेलवे के पास अभी लखनऊ से गुवाहाटी ही ट्रेन नेटवर्क का मुख्य विकल्प है जहां से पर्यटक विभिन्न क्षेत्रों की ओर जाते हैं। इस गर्मी असम के पर्वतीय स्थलों की सैर के लिए सिलचर जाने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई थी। अभी सिलचर के लिए कानपुर होकर जाना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ : लखनऊ को पूर्वोत्तर के गुवाहाटी, न्यू जलपाईगुड़ी और डिब्रूगढ़ और अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागून के बाद अब सिलचर जैसे सुदूर स्टेशन को भी रेल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी है। लखनऊ से सिलचर के लिए रेल नेटवर्क जोड़ने का प्रस्ताव तैयार हो गया है।
रेलवे इसके साथ ही गुवाहाटी जाने वाली लोहित एक्सप्रेस को सिलचर तक विस्तार देने और एक नई ट्रेन प्रयागराज होकर चलाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पहले रेलवे फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करेगा। रिपोर्ट के लिए बोर्ड को एक पत्र भेजा गया है।
यह प्रयास सफल रहा तो आने वाले समय में मिजोरम की राजधानी आइजोल भी लखनऊ के रेल नेटवर्क से जुड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 सितंबर को बैराबी-सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे। इससे आइजोल से सिलचर के साथ देश भर के रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
कश्मीर के हलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद गर्मी में पूर्वोत्तर राज्यों की ओर जाने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ गई थी। रेलवे के पास अभी लखनऊ से गुवाहाटी ही ट्रेन नेटवर्क का मुख्य विकल्प है जहां से पर्यटक विभिन्न क्षेत्रों की ओर जाते हैं।
इस गर्मी असम के पर्वतीय स्थलों की सैर के लिए सिलचर जाने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई थी। अभी सिलचर के लिए कानपुर होकर जाना पड़ता है। एक्सप्रेस ट्रेन सप्ताह में एक दिन कानपुर से सिलचर जाती है। रेलवे लखनऊ से भी सिलचर का विकल्प उपलब्ध कराना चाहता है।
रेलवे जम्मूतवी-गुवाहाटी लोहित एक्सप्रेस और अमरनाथ एक्सप्रेस का एक और रैक उपलब्ध कराकर इसका विस्तार सिलचर तक करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही नई दिल्ली से लखनऊ होकर सिलचर की नई ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भी बनाया गया है।
वहीं, नीलांचल एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की तरह ही लिंक एक्सचेंज कर नई दिल्ली-सिलचर एक्सप्रेस को सप्ताह में एक दिन लखनऊ होकर भी चलाया जा सकता है। रेलवे बोर्ड के अधिकारी के मुताबिक यह रूट पर्यटन के साथ-साथ सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।
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